बरमुडा ट्रायंगल में जाते ही क्यों डूब जाते हैं जहाज और विमान? सैकड़ों जहाजों को निगल चुकी है ये खौफनाक जगह
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बरमुडा ट्रायंगल में जाते ही क्यों डूब जाते हैं जहाज और विमान? सैकड़ों जहाजों को निगल चुकी है ये खौफनाक जगह

Bermuda Triangle: बरमुडा ट्रायंगल में कई जहाज और विमान के गायब होने के किस्से आपने सुने होंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर बरमुडा ट्रायंगल में जाते ही जहाज और विमान गायब या डूब क्यों जाते हैं? अगर नहीं, तो आप इस खबर में उनके पीछे का कारण जान सकते हैं.

बरमुडा ट्रायंगल में जाते ही क्यों डूब जाते हैं जहाज और विमान? सैकड़ों जहाजों को निगल चुकी है ये खौफनाक जगह

Bermuda Triangle Mystery: बरमुडा ट्रायंगल, जिसे "डेविल्स ट्रायंगल" भी कहा जाता है, वह उत्तरी अटलांटिक महासागर का एक क्षेत्र है जो मियामी, बरमुडा और सैन जुआन (प्योर्टो रिको) के बीच फैला हुआ है. सालों से, इस क्षेत्र को जहाजों और विमानों के रहस्यमय ढंग से गायब होने के लिए जाना जाता है. 

कितने विमान और जहाज हुए हैं गायब?
पिछले लगभग सौ सालों में सैकड़ों जहाजों और विमानों के बरमुडा ट्रायएंगल में गायब होने की रिपोर्ट मिली है, लेकिन इसकी सही संख्या पर अब भी विवाद है. दरअसल, ऐसा इसलिए है क्योंकि सभी घटनाएं आधिकारिक तौर पर दर्ज नहीं की गईं या साबित नहीं हुईं. हालांकि, इनमें से कुछ प्रसिद्ध घटनाएं इस प्रकार हैं:

- यूएसएस साइक्लोप्स (1918): यह नौसेना का मालवाहक जहाज था जिसमें 300 से अधिक लोग सवार थे. यह बिना कोई संकेत भेजे ही गायब हो गया और कभी नहीं मिला.

- फ्लाइट 19 (1945): पांच अमेरिकी नौसेना के बमवर्षक विमानों का एक ग्रुप ट्रेनिंग उड़ान के दौरान गायब हो गया. जब एक बचाव विमान उन्हें खोजने गया, तो वह भी लापता हो गया.

- डीसी-3 फ्लाइट (1948): 32 लोगों को ले जा रहा एक यात्री विमान मियामी की ओर जाते हुए गायब हो गया, और इसका कोई मलबा नहीं मिला.

बरमुडा ट्रायंगल क्यों गायब हो जाते हैं जहाज और विमान?

इसको लेकर अब तक कोई एक ठोस कारण साबित नहीं हुआ है, लेकिन कई थ्योरी ऐसी हैं, जिसमें यहां जहाज और विमान के गायब या डूब जाने का कारण बताया गया है.

1. खराब मौसम और महासागर की स्थिति:

- बरमुडा ट्रायंगल में अचानक और गंभीर मौसम परिवर्तन होते रहते हैं, जैसे तूफान, भारी बारिश, और तेज हवाएं. ये स्थितियां बड़ी-बड़ी लहरें पैदा करती हैं, जो जहाजों को डुबा सकती हैं.

- इसके अलावा, इस क्षेत्र से गुजरने वाली "गल्फ स्ट्रीम" नामक एक बड़ी समुद्री धारा अचानक मौसम में बदलाव करती है, जिससे जहाजों के लिए दिशा सही रखना मुश्किल हो जाता है.

2. चुंबकीय अनियमितताएं:

- कुछ थ्योरी कहती हैं कि बरमुडा ट्रायंगल की मैग्नेटिक फील्ड में गड़बड़ी है, जिससे कंपास जैसे नेविगेशन उपकरण सही दिशा नहीं दिखा पाते. अगर कंपास सही नॉर्थ दिशा की बजाय मैग्नेटिक नॉर्थ दिशा की ओर इशारा करे, तो जहाज और विमान रास्ता भटक सकते हैं.

3. मेथेन गैस हाइड्रेट्स:

- एक और साइंटिफिक थ्योरी यह है कि समुद्र के नीचे मेथेन गैस के भंडार होते हैं. अगर ये गैस बुलबुले के रूप में सतह पर आते हैं, तो यह पानी के डेंसिटी को कम कर सकते हैं, जिससे जहाज तेजी से डूब सकते हैं.

- इस गैस से वातावरण पर भी असर हो सकता है, जिससे विमानों के इंजन खराब हो सकते हैं या उड़ान में समस्या आ सकती है.

4. रोग वेव्स (अचानक उभरने वाली बड़ी लहरें):

- "रोग वेव्स" यानी अचानक आने वाली बड़ी लहरें समुद्र में होती हैं, जो 100 फीट तक ऊंची हो सकती हैं. ये लहरें बरमुडा ट्रायंगल में जहाजों को पलट सकती हैं या निचली ऊंचाई पर उड़ रहे विमानों को नुकसान पहुंचा सकती हैं.

दरअसल, बरमुडा ट्रायंगल का रहस्य और इसकी कहानियां बहुत मशहूर हैं, लेकिन ज्यादातर साइंटिस्ट इसे खराब मौसम, बड़ी लहरों, और नेविगेशन की चुनौतियों से जोड़ते हैं. अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है कि इस क्षेत्र में सामान्य समुद्री और हवाई यात्रा के जोखिमों से अलग कोई असामान्य घटना हो रही हो.

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