Delhi Crime news: दिल्ली के कसाई नाम से मशहूर चंद्रकांत झा ने कितने मर्डर किए हैं, ये शायद किसी को नहीं पता है लेकिन जो चार-छह केस चर्चा में आए, उनका जिक्र नेटफ्लिक्स की एक डॉक्यू-सीरीज़ में किया था. चंद्रकांत झा की कहानी क्या है, आइए आपको बताते हैं.
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Butcher of Delhi Chanderkant Jha: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की क्राइम ब्रांच ने साल पैरोल के दौरान फरार सीरियल किलर को वापस सलाखों के पीछे धकेला, तो लोगों ने राहत की सांस ली. राजधानी दिल्ली में दहशत का पर्याय रहा बेखौफ और बेरहम हत्यारा हाल ही में पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ा, जहां से वो भागने की फिराक में था. पुलिस उसके कबूलनामे और बयान वेरिफाई कर रही है.
'दिल्ली का कसाई'
सीरियल किलर की जैसे जैसे कलई खुल रही है, उसके गुनाहों को बारे में जानकर आपका कलेजा कांप जाएगा. आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. इसकी क्राइम कुंडली खंगालने पर पता चला कि हत्याकांड का आरोपी चंद्रकांत झा बिहार का मूल निवासी है. जिसने एक के बाद एक कत्ल की तमाम ताबड़तोड़ वारदातों को अंजाम देने के साथ दिल्ली पुलिस को ओपन चैंलेज दिया था.
सीरियल किलर की कहानी
यह कहानी है दिल्ली में हुई सीरियल मर्डर की उन घटनाओं की, जहां हत्यारे ने लोगों के शव के टुकड़े-टुकड़े कर, उसका सिर काटा और फिर तिहाड़ जेल के सामने टोकरी में भरकर रख आया था. ऐसा करके वो पुलिस को चैलेंज देता था- 'Catch me if you can' यानी अगर मुझे पकड़ सकते हो तो पकड़कर दिखाओ. ये दिन था 20 अक्टूबर 2006 का जब दिल्ली के हरिनगर थाने में सुबह-सुबह फोन बजा तो दूसरी ओर से हत्यारे ने कहा- 'तिहाड़ जेल के गेट नंबर-3 के ठीक बाहर टोकरी में लाश रखी है, जाओ जाकर उठा लो.' ऐसे कांड उसने कई बार किए.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 'कसाई' के खौफनाक कांड
1998: चंद्रकांतका पहला शिकार मंगल था. झा को गिरफ्तार करके 2002 तक जेल में रखा गया. सबूत न मिलने पर छूट गया. केस स्टेटस: बरी
2003: सहयोगी शेखर की हत्या, क्योंकि झा को उसकी शराब पीने और झूठ बोलने की आदत पसंद नहीं थी. केस स्टेटस: बरी
2003: उमेश की हत्या. शव तिहाड़ के गेट नंबर 1 के पास फेंका. यहीं से सिर कटे शव फेंकने का सिलसिला चला. केस स्टेटस: बरी
2005: गुड्डू की हत्या की, गुड्डू की फिजूलखर्ची और गांजा पीना पसंद नहीं था. केस स्टेटस: बरी
2006: अमित चौथा था. अमित को महिलाओं के साथ संबंध बनाने के कारण मारा. केस स्टेटस: मृत्युदंड
2007: पांचवां 19 साल का उपेंद्र था, कथित तौर पर एक दोस्त की बेटी के साथ संबंध रखने के कारण मारा. केस स्टेटस: मृत्युदंड
2007: दलीप का मर्डर हुआ. कहा गया ये उसका आखिरी शिकार था. केस स्टेटस: उम्र कैद
खाना खिलाकर मार देता था...
चंद्रकांत झा बिहार के मधेपुरा का रहने वाला था. उसकी मॉडस अप्रैंडी यानी अपराध करने के तरीके के बारे में बताएं तो वह यूपी-बिहार के उन प्रवासी युवाओं को शिकार बनाता था, जो रोजी रोटी कमाने के लिए दिल्ली आते थे. ऐसे लोगों से वो दोस्ती करता फिर उन्हें खाना बनाने और खिलाने के लिए बुलाता था. कभी घर पर ठहराता और बेरहमी से कत्ल करने के बाद लाश के टुकड़े-टुकड़े करके दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में रख आता.
सीरियल किलर की गिरफ्तारी से झा के आस-पास रहने वाले लोगों ने राहत की सांस ली है, जिन्हें कभी ये शक नहीं हुआ कि पड़ोसी ने ही दहशत फैला रखी थी. साइको किलर की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली पुलिस की तारीफ हो रही है. उसपर 50000 रुपये का इनाम भी रखा गया था.
बनी थी डॉक्यू-सीरीज
2022 में नेटफ्लिक्स पर एक डॉक्यू-सीरीज रिलीज हुई थी, जिसका नाम था Indian Predator: Butcher of Delhi. ये तीन हत्या की कहानी थी, जिसमे इसे दिल्ली का कसाई बताया गया था. यानी कत्ल जैसे संगीन खौफनाक अपराधों की जो लिस्ट हमने ऊपर लिखी वो इसकी करतूतों का रियल टाइम डाटा था.
मर्डर के मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद इसे दिल्ली का कसाई कहकर बुलाया जाने लगा था. टीओआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी पुलिस के राडार पर था. जैसे-जैसे तलाश का दायरा बढा, चीजें कड़ी दर कड़ी जुड़ने लगीं. डंप डाटा और कॉल रिकॉर्ड्स की पड़ताल के दौरान उसके पिछले गुनाहों की टोह मिली तो पुलिस को आखिरकार कामयाबी मिल गई.