RG Kar Rape-Murder Case: RG कर रेप-मर्डर कांड के दोषी संजय रॉय को सियालदाह कोर्ट से उम्रकैद की सजा मिलने के बाद इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में खुद संज्ञान लिया था. अब इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होगी. सीएम ममता बनर्जी ने भी दोषी के लिए सजा-ए- मौत की सजा की मांग करते हुए होईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
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RG Kar Rape-Murder Case: RG कर रेप-मर्डर कांड के दोषी संजय रॉय को सियालदाह की सीबीआई कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है. लेकिन इस मामले की सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. शीर्ष अदालत ने इस मामले में खुद संज्ञान लिया था. इस बीच, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बताया कि इस मामले में वो हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा और मौत की सजा का अनुरोध करेगा.
एक अधिकारी ने बताया कि सीबीआई को कानूनी सलाह मिली है कि इस मामले को ‘दुर्लभतम’ श्रेणी में रखा जा सकता है और दोषी के लिए मौत की सजा ही उचित है. अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई द्वारा शुक्रवार तक सियालदह अदालत के आदेश के खिलाफ मौत की सजा के पक्ष में विस्तृत दलीलों के साथ अपील दायर किए जाने की संभावना है.
रॉय के लिए सीबीआई की तरफ से किये गये मृत्युदंड के अनुरोध को अधीनस्थ अदालत ने खारिज कर दिया था. सियालदह के एडिशनल डिस्ट्रक्ट और सेशन जज अनिर्बान दास ने अपने फैसले में कहा था कि यह क्राइम ‘दुर्लभतम’ श्रेणी में नहीं आता है. न्यायाधीश दास ने सोमवार को रॉय को सजा सुनाते हुए कहा था,‘सीबीआई ने मृत्युदंड का अनुरोध किया. बचाव पक्ष के वकील ने प्रार्थना की कि मृत्युदंड के बजाय जेल की सजा दी जाए. यह अपराध 'दुर्लभतम' श्रेणी में नहीं आता.’
जस्टिस दास ने फैसला सुनाते वक्त रॉय से कहा था
न्यायाधीश दास फैसला सुनाते वक्त रॉय से कहा था, 'जघन्य रेप के दौरान तुमने पीड़िता को जो जख्म पहुंचाया था, जिसकी वजह से उसकी मौत हुई, उसके लिए मैं तुम्हें जिंदगी के आखिरी दिन तक सलाखों के पीछे रहने की सजा सुना रहा हूं.'
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CM ममता ने सियालदाह कोर्ट के फैसले को दी चुनौती
उधर, पश्चिम बंगाल सरकार ने भी मंगलवार को सियालदाह स्पेशल कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. जस्टिस देबांगशु बसाक और जस्टिस शब्बर रशीदी की बेंच ने दोषी को मौत की सजा देने की राज्य सरकार की अपील को स्वीकार कर ली.
दरअसल, सियालदाह स्पेशल कोर्ट का फैसला आने के बाद सीएम ममता बनर्जी ने ऐलान किया था कि कि बंगाल सरकार सजा की अवधि को चुनौती देने के लिए हाईकोर्ट का रुख करेगी और दोषी के लिए सजा-ए-मौत की मांग करेगी. ( भाषा इनपुट के साथ )