पुलिस ने पाया कि कार के एसी से कार्बन मोनोऑक्साइड निकल रहा था, जिससे उन्हें संदेह है कि इससे कारोबारी की मौत हुई है. हालांकि, पोस्टमार्टम में चौहान के दोनों पैरों पर सांप के काटने की बात सामने आई और मौत का कारण सांप का जहर निकला.
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उत्तराखंड में एक प्रेमिका ने अपने प्रेमी की हत्या की प्लानिंग ऐसे कि जैसे वो हत्या नहीं बल्कि कोई घटना नजर आए. आरोप है कि हत्या के लिए प्रेमिका ने सपेरे की मदद ली, कार्बन मोनोऑक्साइड का भी इस्तेमाल किया और प्रेमी अंकित चौहान को मौत के घाट उतार दिया.
दरअसल, 15 जुलाई को हल्द्वानी पुलिस को 32 वर्षीय व्यापारी अंकित चौहान का शव उनकी कार के अंदर मिला. शव के मिलने पर ऐसा लगा जैसे मौत दम घुटने से हुई हो. हालांकि, जैसे-जैसे पुलिस ने मामले को सुलझाना शुरू किया, वैसे-वैसे कहानी और हैरान करती गई. आखिर में पता चला कि युवक की हत्या उसकी प्रेमिका द्वारा की गई एक सुनियोजित साजिश थी.
रामपुर रोड स्थित रामबाग कॉलोनी के रहने वाले चौहान का शव तीनपानी रेलवे क्रॉसिंग के पास उनकी कार की पिछली सीट पर मिला था. पुलिस ने पाया कि कार के एसी से कार्बन मोनोऑक्साइड निकल रहा था, जिससे उन्हें संदेह है कि इससे कारोबारी की मौत हुई है. हालांकि, पोस्टमार्टम में चौहान के दोनों पैरों पर सांप के काटने की बात सामने आई और मौत का कारण सांप का जहर निकला.
इसके बाद पुलिस ने आगे की जांच शुरू की और आसपास के सीसीटीवी कैमरों और चौहान की कॉल डिटेल की जांच की, तब माही आर्य का नाम सामने आया. माही और चौहान के बारे में ये बात सामने आई कि वे एक-दूसरे को डेट कर रहे थे. इस बीच, चौहान की बहन ईशा ने माही और उसके दोस्त दीप कांडपाल पर चौहान की हत्या का आरोप लगाते हुए हल्द्वानी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई.
माही की कॉल डिटेल की जांच से पुलिस सपेरे रमेश नाथ तक पहुंची, जिसने पूछताछ के दौरान भयानक हत्या की साजिश का खुलासा किया. सपेरे ने पुलिस को बताया कि माही ने उससे संपर्क किया था और हत्या को दुर्घटना दिखाने के लिए चौहान को सांप से कटवाने में मदद मांगी थी.
सपेरे ने बताया कि प्रेमिका ने उसे इस काम के लिए 10,000 रुपये का भुगतान किया. सपेरे ने दावा किया कि माही अपने जीवन में चौहान के लगातार हस्तक्षेप से परेशान थी और अब उससे छुटकारा पाना चाहती थी. सपेरे के मुताबिक माही और बाकी सभी आरोपी नेपाल भाग गए हैं. नैनीताल के एसएसपी पंकज भट्ट ने कहा कि आरोपियों का पता लगाने के लिए दो टीमें गठित की गई हैं.