Indian Citizenship: सीमा हैदर के भारत में आकर रहने के बाद से देश की सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं और पूरे देश में इसका खूब विरोध हो रहा है. इसी बीच सीमा ने राष्ट्रपति से भारत की नागरिकता देने की मांग की है.
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Indian Citizenship Process: पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर के गैर कानूनी रूप से भारत आना इन दिनों सुर्खियों में है. अब उसने भारत की नागरिकता की मांग की है, तो क्या उसे यहां की नागरिकता आसानी से मिल जाएगी? आइए जानते हैं कि किसी विदेशी के लिए भारत की नागरिकता पाने को लेकर क्या नियम कायदे बनाए गए हैं और कितना आसान है यहां की सिटीजनशिप लेना?
भारतीय नागरिक होने की शर्त
ऐसे बच्चे जो भारत में ही पैदा होते हैं, वे भारतीय नागरिक होते हैं. बता दें कि 1 जुलाई 1987 से पहले भारत में जन्में बच्चों के लिए नागरिकता पाने के नियम बहुत आसान थे, लेकिन इसके बाद जन्में बच्चों के लिए उनके पैरेंट्स का भारतीय होना भी एक जरूरी शर्त है.
ऐसे मिलती है नागरिकता
26 जनवरी 1950 या उसके बाद और 10 दिसंबर 1992 से पहले विदेश में जन्में बच्चे को भारतीय नागरिक माना जाना चाहिए, अगर बच्चे के जन्म के समय उसके पिता के पास नागरिकता थी. जबकि, 10 दिसंबर 1992 के बाद भारत से बाहर पैदा हुए बच्चे को तभी इंडियन माना जाता है, अगर उस बच्चे के जन्म के समय उसके माता या पिता के पास भारत की नागरिकता हो.
रजिस्ट्रेशन के जरिए भी मिलती है सिटीजनशिप
कुछ नियमों के मुताबिक किसी व्यक्ति को रजिस्ट्रेशन के जरिए भी नागरिकता मिल सकती है. इस नियम के मुताबिक अगर वह व्यक्ति आवेदन से पहले 7 साल तक सामान्य तौर पर भारत में निवास कर रहा हो, अविभाजित भारत का निवासी हो या फिर जिसने भारत के नागरिक से विवाह किया हो. वहीं, कुछ अन्य कैटेगरी के लोग भी रजिस्ट्रेशन के माध्यम से भारत की नागरिकता हासिल कर सकते हैं.
सामान्य नागरिकता
ऐसे विदेश नागरिक को भारतीय नागरिकता का सर्टिफिकेट नहीं दिया जा सकता है, जिस देश में भारतीय लोगों के नागरिकता हासिल करने पर पाबंदी है. वहीं, अगर उस व्यक्ति का अच्छा चरित्र है और भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची में उल्लिखित भाषा की पर्याप्त जानकारी है तो उसे यहां की नागरिकता मिल सकती है.
यह सिटीजनशिप नैचुरसाइजेशन के माध्यम से मिलती है. हालांकि, इसके तहत गैर-कानूनी तरीके से भारत में आकर बसने वाले या फिर वीजा की ड्यूरेशन खत्म होने के बाद भी गलत तरीके से भारत में रहने वाले विदेशियों को सिटीजनशिप नहीं मिलती है.
देश के विस्तार से मिलती है सिटीजनशिप
नागरिकता अधिग्रहण को बरकरार रखा जाता है. जब पॉन्डिचेरी भारत का हिस्सा बना तो वहां रहने वाली लोग भारत के नागरिक हो गए. इसी तरह कोई क्षेत्र भारत का हिस्सा बनता है, तो वहां रहने वाली आबादी देश का हिस्सा कहलाती है.