न धर्म आड़े आया न ही उम्र...रत्ना पाठक और नसीरुद्दीन शाह की शादी को लेकर मां-बाप को क्यों थी टेंशन?
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न धर्म आड़े आया न ही उम्र...रत्ना पाठक और नसीरुद्दीन शाह की शादी को लेकर मां-बाप को क्यों थी टेंशन?

Ratna Pathak Shah on Marriage With Nasseeruddin Shah: रत्ना पाठक शाह और नसीरुद्दीन शाह ने 1982 में शादी की थी. दोनों के दो बेटे हैं- इमाद शाह और विवान शाह. इमाद और विवान भी रत्ना और नसीर की तरह एक्टर हैं. 

नसीरुद्दीन शाह संग रत्ना पाठक की शादी से क्यों परेशान थे माता-पिता?

Ratna Pathak Shah on Marriage With Nasseeruddin Shah: रत्ना पाठक शाह अपने पेशेवर और निजी जीवन दोनों के बारे में खुलकर बात करने के लिए जानी जाती हैं. दिग्गज अभिनेत्री अक्सर अपनी शादी, रिश्ते, फिल्म और पसंद-ना पसंद के बारे में खुलकर बात करती हैं. रत्ना पाठक शाह ने अपने हालिया इंटरव्यू में नसीरुद्दीन शाह के साथ अपनी शादी के बारे में खुलकर बात की. रत्ना पाठक शाह ने खुलासा किया कि उनके माता-पिता को नसीरुद्दीन से उनकी शादी को लेकर आखिर चिंता में क्यों थे?

लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू में यह पूछे जाने पर कि क्या नसीरुद्दीन शाह (Nasseeruddin Shah) से शादी के लिए अपने माता-पिता को मनाने में उन्हें किसी चुनौती का सामना करना पड़ा? रत्ना पाठक शाह (Ratna Pathak Shah) ने कहा, ''बाब और मां थोड़ी देर परेशान रहे कि ये क्या होने वाला है यहां. इसलिए नहीं कि वह मुस्लिम थे या मुझसे उम्र में बड़े थे, बल्कि इसलिए कि उनकी शादी पहले हो चुकी थी और उसकी एक बेटी भी थी. तो, यह समस्या थी और इसके ऊपर, वह एक एक्टर थे. और ऐसी शक्ल के साथ!''

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क्यों परेशान थे रत्ना पाठक शाह के माता-पिता?
रत्ना पाठक शाह ने आगे कहा, ''उस समय नसीर को यह बात अक्सर सुनने को मिलती थी कि उनके जैसे चेहरे वाला कोई लड़का अभिनेता कैसे बन सकता है, जिसमें उनके परिवार के भी सदस्य शामिल होते थे. भले ही आप एक अद्भुत अभिनेता हों, एक अभिनेता के रूप में जीवित रहना हमेशा एक मुश्किल काम होता है. कोई आपको गारंटी नहीं दे सकता, यह एक कठिन जीवन है.''

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नसीर के परिवार ने बिना किसी सवाल के मुझे किया था स्वीकार
दिग्गज एक्ट्रेस ने कहा, ''मेरे माता-पिता परेशान थे, कि हम सर्वाइव कैसे करेंगे. मेरे पिता की बहुत कम उम्र में मृत्यु हो गई, लेकिन मेरी मां और नसीर काफी फ्रेंडली थे. और आखिरकार दोनों एक-दूसरे के करीब आ गए. तो यह बिल्कुल भी कोई समस्या नहीं थी. नसीर के परिवार ने बिना किसी सवाल के मुझे खुशी से और पूरी तरह से स्वीकार कर लिया, यह अद्भुत था.''

वर्कफ्रंट पर रत्ना पाठक शाह
बता दें कि रत्ना पाठक शाह ने अपना एक्टिंग डेब्यू श्याम बेनेगल की फिल्म 'मंडी' से 1983 में किया था. उन्हें अपनी फिल्म 'मिर्च मसाला' (1987), 'जाने तू या जाने ना' (2008), 'गोलमाल 3' (2010), 'कपूर एंड संस' (2016), 'निल बट्टे सन्नाटा' (2016), 'लिप्स्टिक अंडर माय बुर्का' (2017) के लिए खूब तारीफ मिली थी. रत्ना पाठक शाह को टेलीविजन सीरियल 'सारा भाई वर्सेस सारा भाई' के लिए भी खूब सराहा गया. रत्ना पाठक शाह को आखिरी बार निर्देशक तरुण डुडेजा की रोड एडवेंचर ड्रामा 'धक धक' में देखा गया था.

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