Time Magazine Top 100 Films: क्या सचमुच सिनेमा वही है, जो बॉलीवुड बनाता हैॽ पूरी दुनिया की तरह भारत में भी फिल्में बनते हुए सौ साल से ज्यादा हो गए हैं. टाइम मैग्जीन ने बीती एक सदी में बनी सर्वश्रेष्ठ 100 फिल्मों की सूची जारी है, जिसमें भारत से मात्र एक फिल्म है. क्या आपने देखी है वह फिल्म...ॽ
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Top Indian Film: दुनिया के सर्वश्रेष्ठ प्रकाशनों में शामिल टाइम मैगजीन ने हाल ही में अब तक दुनिया में बनी 100 सर्वश्रेष्ठ फिल्मों की सूची जारी की है. इस सूची में 1920 के दशक से लेकर 2010 के दशक तक पिछले दस दशकों यानी 100 साल के दौरान रिलीज हुई फिल्में चुनी गई हैं. भारत में भी 1913 से सिनेमा बन रहा है और आप हैरान होंगे कि केवल एक भारतीय फिल्म ने इस प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय सूची में जगह पाई है. यह भारतीय फिल्म है, निर्देशक सत्यजीत रे की पाथेर पांचाली. रे की यह पहली फिल्म थी. यह रे की द अपू ट्रिलॉजी की पहली फिल्म थी और इसका निर्माण पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा किया गया था. 1956 में इसकी रिलीज के बाद टाइम्स ऑफ इंडिया ने लिखा था कि किसी अन्य भारतीय फिल्म के साथ इसकी तुलना करना बेतुका है... पाथेर पांचाली शुद्ध सिनेमा है.
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भारत के तत्कालीन प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इस फिल्म को एक विशेष स्क्रीनिंग में देखा था. वह फिल्म से इतने प्रभावित हुए कि फिल्म को प्रतिष्ठित कान फिल्म फेस्टिवल में भिजवाया. वास्तव में आज भी पूरी दुनिया में इस ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म का जबर्दस्त क्रेज है. दुनिया के चर्चित फिल्म पोर्टल रॉटन टोमाटोज पर पाथेर पांचाली की रिव्यूअर रेटिंग 98% है. जो किसी भी फिल्म के लिए एक दुर्लभ उपलब्धि है. सौ फिल्मों की इस लिस्ट में अमेरिका ही नहीं, यूरोप, एशिया और लैटिन अमेरिकी फिल्में भी हैं. साल 2000 के बाद की कुछ हालिया फिल्में, जिन्हें टाइम पत्रिका की 100 सर्वश्रेष्ठ फिल्मों की सूची में शामिल किया गया है, उनमें शामिल हैः क्वेंटिन टारनटिनो की वन्स अपॉन ए टाइम इन हॉलीवुड, गुइलेर्मो डेल टोरो की फंतासी फिल्म पैन्स लेबिरिंथ, और अल्फोंसो क्वारोन की चिल्ड्रन ऑफ मेन. बीते सौ साल में रिलीज हुई टाइम मैगजीन की 100 सर्वश्रेष्ठ फिल्मों की सूची देखने के लिए आप इस लिंक को क्लिक कर सकते हैं.
https://time.com/collection/100-best-movies/
यहां देख सकते हैं फिल्म
जहां तक पाथेर पांचाली की बात है, तो यह विभूतिभूषण बंद्योपाध्याय के 1929 के इसी नाम के बंगाली उपन्यास पर आधारित है. रे ने उपन्यास को फिल्म में रूपांतरित किया गया था. यह फिल्म नन्हें अपू और उसके गरीब परिवार की कहानी है, जो कठिन जीवन जीते हैं और बंगाल के एक गांव में गुजारा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. जब अपू के पिता बेहतर नौकरी की तलाश में गांव छोड़ देते हैं, तो उसकी मां उसकी और उसकी बड़ी बहन दुर्गा की देखभाल करने की कोशिश करती है. अगर आप सिनेमा को पसंद करते हैं तो सत्यजीत रे की अवश्य देखनी चाहिए. पाथेर पांचाली अमेजन प्राइम वीडियो और होइचोई ओटीटी प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है.