मिशन ग्रे हाउस: 1 घंटा 57 मिनट तक कुर्सी से चिपकाए रखेगी ये मूवी, फिल्म का आखिरी सीन है इसकी जान
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मिशन ग्रे हाउस: 1 घंटा 57 मिनट तक कुर्सी से चिपकाए रखेगी ये मूवी, फिल्म का आखिरी सीन है इसकी जान

अगर आप बेहतरीन सस्पेंस थ्रिलर फिल्म देखना चाहते हैं तो ये फिल्म एक बार देख सकते हैं. 1 घंटा 57 मिनट की ये मूवी सस्पेंस और थ्रिल का जबरदस्त डोज है.

 

मिशन ग्रे हाउस रिव्यू

फिल्म रिव्यू : मिशन ग्रे हाउस
कलाकार:  अबीर खान, पूजा शर्मा, राजेश शर्मा, किरण कुमार, कमलेश सावंत, निखत खान, रजा मुराद
निर्देशक:  नौशाद सिद्दीकी
अवधि:  1 घंटा 57 मिनट
रेटिंग: 3

Mission Grey House Review: फिल्मों के हिसाब से एक कैटेगरी ऐसी है जो दर्शकों को खूब पसंद आती है. ऐसा ही एक जॉनर सस्पेंस थ्रिलर है. आज हम आपको सस्पेंस और थ्रिल से लबालब 1 घंटा 57 मिनट की ऐसी फिल्म के बारे में बताएंगे जिसकी शुरुआत से ही ट्विस्ट शुरू हो जाता है. ये फिल्म भले ही छोटे बजट की है लेकिन कहानी के तौर पर 1 नंबरी है. चलिए आपको मिशन ग्रे हाउस कैसी है ये बताते हैं. 

पहले ही सीन में आ जाता है ट्विस्ट

इस फिल्म की कहानी सन्नाटे से शुरू होती है. एक व्यक्ति रेन कोट पहनकर आता है और घर में घुसते ही मर्डर कर देता है. बस यहीं से शुरुआत होती है उस रहस्य की जिसका खुलासा पूरी फिल्म देखने के बाद ही हो पता चलेगा. इस घर में एक के बाद एक हत्याएं हो रही होती हैं. लेकिन ये हत्यारा कौन है उसका पता लगाने के लिए घर के मालिक पुलिस को फोन करते हैं. इसके बाद फिल्म में कबीर राठौड़ नाम के लड़के की एंट्री होती है.

इस लड़के के पिता पुलिस में होते हैं और उनकी इसी हत्यारे ने कत्ल कर दिया होता है. इनका बेटा कबीर बड़े होकर पुलिस में भर्ती होने चाहता है. लेकिन वो ना तो एग्जाम निकाल पाता है और ना ज्यादा मेहनती है. लेकिन एक चीज उसमें कूट-कूट कर भरी है वो है जुनून. वो हमेशा गुंडे बदमाशों से भिड़ता रहता है.  उसकी एक दोस्त होती है जो पुलिस में होती है. इस दोस्त का नाम कियारा होता है. कियारा के पिता फिल्म में पुलिस में दिखाए गए हैं. जिसका रोल राजेश शर्मा ने प्ले किया है.

कौन है कातिल?

राजेश जो कि एक बड़े पुलिस अधिकारी हैं, कबीर के सामने शर्त रखते हैं कि अगर कबीर ग्रे हाउस में हो रही हत्याओं की मिस्ट्री सॉल्व कर देगा तो वह उसको पुलिस ऑफिसर बना देंगे. इस मिशन पर कबीर को कियारा के साथ भेज देता है. कबीर खुश होता और अपने मिशन को पूरा करने के लिए ग्रे हाउस पहुंचता है लेकिन वहां पर एक के बाद एक हत्याओं का सिलसिला जारी रहता है. इसके बाद कहानी आगे बढ़ती है. 

क्लाइमैक्स है तगड़ा

फिल्म में आपकी शक की सुई कई लोगों पर घूमेगी. लेकिन आखिर में क्लाइमैक्स ऐसा दिखाया गया है कि वो आपकी सोच से परे है. इस फिल्म में लीड रोल में नए सितारों को लिया गया है. लिहाजा कहीं ना कहीं उनकी एक्टिंग थोड़ी वीक लगी. हालांकि कहानी को और थोड़े बेहतरीन ढंग से पेश किया जा सकता था. इसका निर्देशन नौशाद सिद्धिकी ने किया है. फिल्म में आमिर खान की बहन निखत खान के अलावा अबीर खान, पूजा शर्मा, रजा मुराद, निखत खान और राजेश शर्मा हैं. 

फिल्म सस्पेंस से भरी हुई है जिसकी शुरुआत पहले सीन में हो जाती है और आखिरी सीन तक सस्पेंस बना रहता है. यही इस फिल्म की सबसे बड़ी खूबी है. इसे एक बार तो देखा जा सकता है.

 

 

 

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