भारत समेत दुनियाभर में काफी लोग डिप्रेशन पर काबू पाने के लिए एंटीडिप्रेसेंट का सेवन करते हैं, लेकिन एक स्टडी में दावा किया गया है कि ये दूसरी परेशानियों में भी काम आ सकती है.
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Antidepressants For Infections and Sepsis: एंटीडिप्रेसेंट आमतौर पर मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर के इलाज के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं, हालांकि नए रिसर्च ने सीरियस इंफेक्शन और जानलेवा सेप्सिस को रोकने की उनकी क्षमता दिखाई है. साल्क इंस्टीट्यूट (Salk Institute) के वैज्ञानिकों ने दिखाया कि एंटीडिप्रेसेंट इम्यून सिस्टम को रेगुलेट कर सकते हैं और संक्रामक रोगों से बचाव कर सकते हैं. साइंस एडवांसेज जर्नल में छपी फाइंडिंग्स, लाइफ सेविंग ट्रीटमेंट की एक नई पीढ़ी का रास्ता क्लीयर कर सकते हैं और भविष्य की महामारियों के लिए वैश्विक तैयारी को बढ़ा सकते हैं.
ये दवा कारगर
टीम ने पाया कि एंटीडिप्रेसेंट प्रोज़ैक (Prozac) जिसे फ्लुओक्सेटीन (fluoxetine)के नाम से भी जाना जाता है, बैक्टीरिया या वायरस को मारते हुए टिशू और अंगों की रक्षा कर सकता है. हावर्ड ह्यूजेस मेडिकल इंस्टीट्यूट (Howard Hughes Medical Institute) की प्रोफेसर जेनेल आयर्स (Janelle Ayres) ने कहा, "ये अनिवार्य रूप से ऑफेंस और डिफेंस दोनों खेल रहा है, जो कि आदर्श है और खास तौर से उस दवा में देखना बहुत रोमांचक है जिसे हम पहले से ही इंसान में इस्तेमाल करने के लिए सुरक्षित माने जाते हैं."
चूहों पर की गई रिसर्च
इस स्टडी में, रिसर्चर्स ने बैक्टीरियल इंफेक्शन वाले चूहों का अध्ययन किया और उन्हें 2 कैटेगरीज में डिवाइड किया: एक फ्लुओक्सेटीन (fluoxetine) के साथ पहले से इलाज किया गया और दूसरा इसके बिना. उन्होंने पाया कि फ्लुओक्सेटीन के साथ पहले से इलाज किए गए चूहों को सेप्सिस, मल्टी-ऑर्गन डैमेज और मौत से बचाया गया था. आगे के परीक्षणों में, संक्रमण के 8 घंटे बाद हर चूहे की आबादी में बैक्टीरिया की तादाद को मापा गया.
बैक्टीरिया पर वार
फ्लुओक्सेटीन के साथ इलाज के कारण कम बैक्टीरिया पाए गए, जो कम गंभीर संक्रमण का संकेत देते हैं. फाइंडिंग्स ने दिखाया कि फ्लुओक्सेटीन में एंटीमाइक्रोबियल गुण थे, जिसने इसे बैक्टीरियल ग्रोथ को सीमित करने की इजाजत दी. इसके बाद, रिसर्चर्स ने हर ग्रुप में अलग-अलग इंफ्लेमेट्री मॉलिक्यूल के लेवल को नापा.
उन्होंने अपने पहले से इलाज किए गए आबादी में अधिक एंटी-इंफ्लेमेटरी IL-10 देखा और अनुमान लगाया कि IL-10 ने सेप्सिस-इंड्यूड हाइपरट्रिग्लिसराइडेमिया को रोका, ये एक ऐसी स्थिति जिसमें खून में बहुत ज्यादा फैटी ट्राइग्लिसराइड्स होते हैं. इसने दिल को प्रोपर मेटाबॉलिक स्टेट बनाए रखने में सक्षम बनाया, चूहों को इंफेक्शन इंड्यूस्ड मॉर्बिडिटी और मृत्यु दर से बचाया. टीम ने पाया कि फ्लुओक्सेटीन पैथोजेंस को मार सकता है और शरीर को संक्रमण-प्रेरित क्षति को भी कम कर सकता है.
(इनपुट-आईएएनएस)
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