Dengue Virus: और खतरनाक हुआ डेंगू का वायरस, लीवर पर कर रहा हमला, डैमेज होने का खतरा
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Dengue Virus: और खतरनाक हुआ डेंगू का वायरस, लीवर पर कर रहा हमला, डैमेज होने का खतरा

Dengue Virus: डेंगू एक घातक बीमारी है, जो मच्छर के काटने से फैलती है. डेंगू का वायरस अब और खतरनाक हो गया है और ये अब संक्रमितों के लीवर पर हमला करने लगा है.

प्रतिकात्मक तस्वीर

Dengue Virus: डेंगू एक घातक बीमारी है, जिसका समय पर इलाज ना किया जाए तो जानलेवा भी साबित हो सकता है. यह बीमारी (dengue fever) मच्छर के काटने से फैलती है. डेंगू का वायरस अब और घातक होकर संक्रमितों के लीवर पर हमला करने लगा है. डेंगू लीवर के एंजाइम बढ़ाकर मरीजों में ऐंठन, दर्द और सूजन की तकलीफ दे रहा है. डॉक्टर्स भी इस बात से हैरान हैं क्योंकि मरीजों में इस तरह के लक्षण से लीवर डैमेज (liver damage) होने का खतरा बढ़ गया है. 

एक न्यूज पेपर में छपी खबर के अनुसार, उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में स्थित जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के ग्रेस्ट्रो विभाग में 87 मरीज रिपोर्ट हो चुके हैं. इनमें से 3 मरीजों की हालत नाजुक थी, उन्हें भर्ती किया गया है. ग्रेस्ट्रो विभाग के हेड डॉक्टर ने भी माना कि डेंगू वायरस का रूप बदल रहा है. उन्होंने बताया कि जिस भी डेंगू मरीज के पेट में तकलीफ हो रही है, उसका टेस्ट किया जा रहा है. 

मरीजों की टेस्ट रिपोर्ट में सामने आया कि उनका एसजीपीटी और एसजीओटी लेवल 300 से अधिक है, जिसका सीधा मतलब है कि ये नॉर्मल से 8 गुना ज्यादा है. 300 से अधिक एसजीपीटी और एसजीओटी होने के कारण लीवर डैमेज हो सकता है. डॉक्टर ने बताया कि फिलहाल मरीजों को दवा दी जा रही हैं, लेकिन उनका एसजीपीटी और एसजीओटी का लेवल कब कम होगा, इसका कोई अंदाजा नहीं.

डेंगू वायरस शुरू के 1-2 दिन में सामान्य वायरल की तरह लक्षण दे रहा है, लेकिन बाद में मरीजों में कॉम्प्लिकेशन सामने आ रहें हैं. इसलिए, डेंगू से पीड़ित मरीजों को अपनी सेहत का खास तौर पर ख्याल रखना जरूरी है.

डेंगू वायरस में परिवर्तन कैसे?
डेंगू समेत सभी वायरस में कुछ सालों पर परिवर्तन संभव है. इसमें वायरस के जीन के डीएनए में परिवर्तन होता है. जिंदा रहने के लिए वायरस अपने में बदलाव करता है और परिवर्तन के बाद वायरस हमले का तरीका बदल देता है.

पेट में दर्द है तो क्या करें?

  • डेंगू या वायरल बुखार के दौरान पेट के दाहिने तरफ अगर दर्द है तो तुरंत सतर्क हो जाएं
  • डॉक्टर को दिखाकर टेस्ट और अल्ट्रासाउंड करवाएं.
  • डॉक्टर द्वारा बताई गई सावधानियां और दवा का ठीक ढंग से पालन करें.
  • खुद डॉक्टर बनने की कोशिश ना करें और नहीं ही एंटीबायोटिक खुद से खाने की कोशिश करें.

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