सैकड़ों पक्षियों की जान लेने वाले और कुछ स्तनधारियों तक फैलने वाले बर्ड फ्लू के बढ़ते खतरे के बीच, एक वैश्विक शोध दल ने जो एच5एन1 एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस (एआईवी) का पता लगाने के लिए एक एडवांस डायग्नोस्टिक किट तैयार की है.
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बर्ड फ्लू के बढ़ते खतरे के बीच वैज्ञानिकों ने एक नई एडवांस डायग्नोस्टिक किट 'स्टेडफास्ट' विकसित की है. यह किट सिंगापुर की विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान एजेंसी (ए-स्टार) के डायग्नोस्टिक्स डेवलपमेंट हब (डीएक्सडी हब) और जापान के शोधकर्ताओं की संयुक्त पहल का परिणाम है.
'स्टेडफास्ट' किट अत्यधिक रोगजनक एच5एन1 एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस (एचपीएआई) और कम रोगजनक एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस (एलपीएआई) के बीच तेजी से अंतर करने में सक्षम है. पारंपरिक तरीकों से जहां परिणाम मिलने में दो से तीन दिन लगते हैं, वहीं यह किट केवल तीन घंटे में वायरस का सटीक पता लगा सकती है.
ए-स्टार की टीम ने इसे महामारी की तैयारियों में एक महत्वपूर्ण सफलता बताया है. यह किट न केवल वायरस की पहचान करने में मदद करती है, बल्कि प्रवासी पक्षियों और पोल्ट्री फार्मों में समय पर निगरानी और बायोसिक्योरिटी उपायों को मजबूत करने में भी मदद करेगी.
बर्ड फ्लू का बढ़ता खतरा
हाल के दिनों में हाईली पैथोजेनिक एवियन इन्फ्लूएंजा (एचपीएआई) ने मुर्गियों और जंगली पक्षियों में बड़े पैमाने पर मृत्यु का कारण बना है. इस खतरनाक वायरस ने बिल्लियों, मवेशियों और सील जैसे स्तनधारियों को भी प्रभावित किया है. इससे महामारी फैलने का खतरा और बढ़ गया है. जापान के राष्ट्रीय पर्यावरण अध्ययन संस्थान (एनआईईएस) के डॉ. ओनुमा मनाबू ने कहा कि वायरस तेजी से म्यूटेट कर रहा है, जिससे इसे कंट्रोल करना और चुनौतीपूर्ण हो गया है. उन्होंने 'स्टेडफास्ट' को संक्रमण रोकने के लिए एक प्रभावी निगरानी प्रणाली करार दिया.
संक्रमण रोकने में मददगार
वैज्ञानिकों के अनुसार, वायरस का समय पर पता लगने से प्रवासी पक्षियों की निगरानी बढ़ाई जा सकती है और पोल्ट्री सुविधाओं में जैव सुरक्षा को मजबूत किया जा सकता है. यह संभावित विनाशकारी महामारियों को रोकने और संक्रमण के जोखिम को कम करने में मदद करेगा. 'स्टेडफास्ट' किट बर्ड फ्लू की मॉनिटरिंग और कंट्रोल में एक नया अध्याय जोड़ सकती है, जिससे न केवल पक्षियों बल्कि मानव स्वास्थ्य को भी सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी.
(न्यूज इन्पुट- आईएएनएस)