Indian Army: भारतीय सेना के जवान हमारी और देश की रक्षा के लिए किस परिस्थिति में रहते हैं इसका शायद अंदाजा लगाना भी मुश्किल है. हाल ही में एक वीडियो सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि भारतीय सेना के जवान सरहदों को सुरक्षित रखने के लिए 17800 फीट की ऊंचाई पर 12000kg की गन तैनात कर रहे हैं.
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Indian Army in Ladakh: आज हम आपके सामने एक ऐसा उदाहरण पेश करेंगे जिससे आपको समझ आ जाएगा कि आखिर सारी दुनिया भारतीय सेना का लोहा क्यों मानती है. कोई भी मौसम हो और कैसी भी परिस्थिति हो लेकिन भारतीय सेना देश की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहती है. हाड़ कंपा देने वाली ठंड हो, पसीना-पसीना कर देने वाली गर्मी हो या फिर आसमान से बरसते बर्फ के गोलों का मौसम हो, भारतीय सेना के जवान सीना तानकर सरहदों की हिफाज़त में लगे रहते हैं. ठंड का मौसम शुरू होने वाला है ऐसे में भारतीय सेना ने लद्दाख में अपनी पोजीशन संभाल ली है. साथ ही एक वीडियो भी जारी किया है जो काफी हैरान कर देने वाला है.
भारतीय सेना ने देश की सरहदों को सुरक्षित करने के लिए अपने हथियारों को हजारों फीट ऊंपर चढ़ा लिया है. हाल ही में एक वीडियो सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि सेना के जवान लद्दाख में 17,800 फीट की ऊंचाई पर हथियार चढ़ा रहे हैं. सेना ने लद्दाख सेक्टर में इस ऊंचाई तक 12000 किलोग्राम की तोप को चढ़ाते हुए देखा जा सकता है. लगभग 18000 फीट की ऊंचाई पर बंकर बनाया है जहां जवान कड़कड़ाती ठंड में मौजूद रहेंगे ताकि देश के सरहदों पर कोई भी नापाक इरादों के साथ देख सके. सामान्य रूप से इतनी ऊंचाई पर सांस लेना भी मुश्किल होता है लेकिन हमारे जवान वहां मौजूद रहेंगे और हमारी रक्षा करते रहेंगे.
यह वीडियो फायर फ्यूरी कॉर्प्स के ऑफिशियल X हेंडल से जारी किया गया है. जिसमें साफ देखा जा सकता है कि किस तरह सेना के जवान रस्सियों की मदद से भारी-भरकम हथियार 17800 फीट की ऊंचाई पर चढ़ा रहे हैं. साथ ही यह भी देखा जा सकता है कि यह काम कितना मुश्किल है लेकिन सेना के जवान अपने जज्बे और बहादुरी के दम पर इस काम को आसानी से कर लेते हैं. वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया है,'दुनिया के सबसे कठिन इलाकों और चरम मौसम की स्थिति में तैनात भारतीय सेना के वीर सैनिकों को सलाम. उनका धैर्य और दृढ़ संकल्प चुनौतियों को, असंभव को संभव बनाने वाली जीत में बदल देता है. जहां दूसरे लोग जीवित रहने के लिए संघर्ष करते हैं, वहीं वे अपनी अटूट भावना से पहाड़ों को हिलाकर आगे बढ़ते हैं.'
देखिए वीडियो:
Saluting the gallant soldiers of the Indian Army, deployed in the world's harshest terrains and extreme weather conditions. Their grit and determination turn challenges into triumphs achieving the impossible. Where others struggle to survive, they thrive, moving mountains with… pic.twitter.com/GtTT2XdzhN
— @firefurycorps_IA (@firefurycorps) November 10, 2024
यह इलाका बेहद मुश्किल, ऊबड़-खाबड़ और बहुत ज्यादा सर्दी वाला है. भारतीय सेना के जवान के यहां -40 डिग्री सेल्सियस, खतरनाक हवा के बीच रहना पड़ता है. यहां रहने वाले जवानों को ना सिर्फ शारीरिक मजबूती की जरूरत होती बल्कि मानसिक रूप से भी बहुत लचीलापन चाहिए होता है. चुनौतियों से निपटने के लिए, सेना ने अपने सैनिकों को उच्च ऊंचाई वाले युद्ध के सामान से लैस कर दिया है, जिसमें इंसुलेटेड जैकेट, जूते और स्लीपिंग बैग शामिल हैं. सेना ने मुश्किल हालात में फौजियों की सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए स्नोमोबाइल, स्नो ट्रैक्टर और मोबाइल शेल्टर में भी भारी निवेश किया है. ठंड के मौसम के लिए विशेष गियर के अलावा, सैनिकों को ऊंचाई और क्षेत्र की अत्यधिक शारीरिक मांगों के अनुकूल होने के लिए महीनों तक मुश्किल ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है.
प्रशिक्षण में उच्च ऊंचाई वाले युद्ध की रणनीति, पहाड़ी इलाकों में तेजी से चलना और शून्य से नीचे के तापमान में जीवित रहने के प्रेक्टिस करवाई जाती है. उन्नत हथियार और तकनीक भी भारत की रक्षा रणनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. हाल ही में सेना के जवानों को विमान भेदी तोपों से लैस दिखाया गया है, जो आधुनिक युद्ध में बढ़ती चिंता का विषय बन चुके ड्रोन समेत हवाई खतरों का मुकाबला करने के लिए सेना की तत्परता को दर्शाता है. सेना एलएसी पर होने वाली गतिविधियों पर वास्तविक समय की खुफिया जानकारी बनाए रखने के लिए ड्रोन, थर्मल इमेजिंग सिस्टम और सैटेलाइट इमेजरी जैसे निगरानी उपकरणों का भी उपयोग करती है. बर्फ से ढकी चोटियों और चट्टानी चोटियों वाला यह क्षेत्र न केवल पारंपरिक युद्ध के लिए कठिन है, बल्कि चीन के साथ सीमा पर प्रमुख क्षेत्रों को नियंत्रित करने के लिए भी महत्वपूर्ण है.