Paragliding Accident Himachal: पैराग्लाइडिंग के दौरान हुई दुर्घटना में एक पर्यटक की मौत हो गई. पर्यटक के शव का पोस्टमार्टम रविवार यानी आज किया जाएगा. मृतक के परिजनों को भी सूचित कर दिया गया है. पुलिस दुर्घटना के कारणों की जांच कर रही है.
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हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के डोभी इलाके में रविवार को पैराग्लाइडिंग के दौरान 30 साल के एक व्यक्ति की गिरने से मौत हो गई. मृतक की पहचान महाराष्ट्र के सतारा जिले के रहने वाले सूरज शाह के रूप में हुई है. जानकारी के मुताबिक, जब पैराग्लाइडर हवा में था, तो उसकी सिक्योरिटी बेल्ट खुल गई और इस वजह से वह जमीन पर गिर गया.
सूरज शाह और पायलट को स्थानीय लोगों द्वारा कुल्लू अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल में डॉक्टर्स ने सूरज को मृत घोषित कर दिया. हालांकि, पायलट का अस्पताल में इलाज चल रहा है.
पुलिस ने शुरू की जांच
पुलिस अधिकारी गुरुदेव ने कहा, 'पैराग्लाइडिंग के दौरान हुई दुर्घटना में एक पर्यटक की मौत हो गई. पर्यटक के शव का पोस्टमार्टम रविवार यानी आज किया जाएगा. मृतक के परिजनों को भी सूचित कर दिया गया है. पुलिस दुर्घटना के कारणों की जांच कर रही है. दुर्घटना के लिए जिम्मेदार व्यक्ति का पता लगाया जाएगा.'
पुलिस अधिकारी ने कहा, 'मामले में जांच शुरू कर दी गई है और पायलट के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 336 और 304ए के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. जांच के बाद ही पता चलेगा कि हादसे का जिम्मेदार कौन है.'
गुजरात के मेहसाणा में भी मौत
गुजरात के मेहसाणा जिले में भी पैराग्लाइडिंग के दौरान हादसे की खबर है. यहां पैराग्लाइडिंग के दौरान 50 फुट की ऊंचाई से गिरने की वजह से दक्षिण कोरियाई व्यक्ति की मौत हो गई. पुलिस के मुताबिक, शनिवार शाम करीब साढ़े पांच बजे विसाटपुरा गांव के एक स्कूल में यह हादसा हुआ.
पैराग्लाइडर के ठीक से नहीं खुल पाने की वजह से शिन बायोंग मून संतुलन खो बैठे और करीब 50 फुट की ऊंचाई से जमीन पर आ गिरे. इसकी वजह से उनकी मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि शिन बायोंग मून गिरने के बाद बेहोश हो गए. इसके बाद उनके दोस्त एक अस्पताल में ले गए, जहां इलाज के दौरान मौत हो गई.
पहले 12 साल के लड़के की हो गई थी मौत
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने बीर बिलिंग पैराग्लाइडिंग साइट के पास एक दुर्घटना में 12 वर्षीय लड़के की मौत होने जाने पर संज्ञान लेते हुए इस साल जनवरी में पैराग्लाइडिंग सहित कई एडवेंचर स्पोर्ट्स को बैन कर दिया था. हिमाचल में सभी एडवेंचर स्पोर्ट्स की निगरानी के लिए हाई कोर्ट द्वारा एक टेक्निकल कमेटी की स्थापना की जानी थी.
उस समय, यह पता चला था कि कई ऑपरेटरों के रजिस्ट्रेशन अमान्य थे और एडवेंचर स्पोर्ट्स ऑपरेटरों द्वारा उपयोग किए जाने वाले अधिकांश उपकरण भी मानकों पर खड़ा नहीं उतरे थे. इसके बाद केवल उन ऑपरेटरों को अप्रैल में एक्टिविटी को शुरू करने की अनुमति दी गई जो सभी मानदंडों को पूरा कर सकते थे.
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