मणिपुर हिंसा का चीनी कनेक्शन! दंगाइयों ने बैन हो चुकी बाइक का किया इस्तेमाल, कैसे पहुंची भारत?
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मणिपुर हिंसा का चीनी कनेक्शन! दंगाइयों ने बैन हो चुकी बाइक का किया इस्तेमाल, कैसे पहुंची भारत?

बैन हो चुकी बाइक चीनी ब्रांड केनबो की हैं. इस ब्रांड को चीन के युन्नान प्रांत के देहोंग्झौरुइली की कंपनी युन्नान यिनक्सियांग मोटरसाइकिल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा बनाया गया है. केनबो बाइक की कीमत 25,000 रुपये से कम हो सकती है, जो किसी भी भारतीय बाइक की कीमत से एक चौथाई है.

मणिपुर हिंसा का चीनी कनेक्शन! दंगाइयों ने बैन हो चुकी बाइक का किया इस्तेमाल, कैसे पहुंची भारत?

पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में आरक्षण के मुद्दे पर कुकी और मैतेई समुदायों के बीच लगभग दो महीने से हिंसक झड़पें हो रही हैं. डेली भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक हिंसा में 131 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 419 लोग घायल हुए हैं. वहीं, हिंसा के दौरान आगजनी की 5,000 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं. 

इस दौरान करीब 6,000 मामले दर्ज किए गए और 144 लोगों को गिरफ्तार किया गया. राज्य ने व्यवस्था बनाए रखने के लिए 36,000 सुरक्षा कर्मियों और 40 आईपीएस अधिकारियों को भी तैनात किया है. पूरे घटनाक्रम की तस्वीरों और वीडियो के अनुसार, समूहों द्वारा हिंसा के लिए बैन हो चुकी चीनी बाइक को इस्तेमाल करते हुए देखा गया है.

बैन हो चुकी बाइक चीनी ब्रांड केनबो की हैं. इस ब्रांड को चीन के युन्नान प्रांत के देहोंग्झौरुइली की कंपनी युन्नान यिनक्सियांग मोटरसाइकिल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा बनाया गया है. केनबो बाइक की कीमत 25,000 रुपये से कम हो सकती है, जो किसी भी भारतीय बाइक की कीमत से एक चौथाई है. ये बाइक अपेक्षाकृत हल्की भी होती हैं और उनकी इंजन क्षमता भी कम होती है.

सस्ते दामों में बिकने वाली मोटरसाइकिलों से लोगों को बहुत कम आर्थिक नुकसान होता है, भले ही उन्हें पुलिस द्वारा जब्त कर लिया जाए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मणिपुर में जारी हिंसा के दौरान जब्त किए गए दोपहिया वाहनों में से 50 फीसदी से ज्यादा केनबो बाइक हैं.

हिंसा में चीनी तोप बाइक का भी बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया, खासकर हिंसा प्रभावित पहाड़ी जिलों उखरुल और कामजोंग में. पहाड़ी इलाकों में ये 125 सीसी बाइक्स बहुतायत में हैं. विशेष रूप से, भारत-म्यांमार सीमा के करीब उखरूल, कामजोंग, तेंगनौपाल और चुराचांदपुर जिलों की पुलिस ने पहले कभी इन बाइकों को जब्त करने के लिए कोई बड़ा अभियान नहीं चलाया है.

मणिपुर में चीनी बाइक पर प्रतिबंध

मणिपुर और मिजोरम सरकारों ने सितंबर, 2021 में चीनी में बनने वाली इन बाइक पर बैन लगा दिया था क्योंकि उनका इस्तेमाल कथित तौर पर म्यांमार से दवाओं की तस्करी के लिए किया जाता था. लोकप्रिय बाइक, केनबो, कथित तौर पर ब्लैक मार्केट में बेची जा रही थी और बिना रजिस्ट्रेशन के इस्तेमाल की जा रही थी.

मणिपुर में मार्च में फिर से बाइकों पर कार्रवाई हुई. मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने क्षेत्र में नशीली दवाओं की तस्करी से संबंधित बाइक की जब्ती और गिरफ्तारियों के संबंध में कई ट्वीट किए. सीएम ने यह भी कहा कि मोटरसाइकिलों में अफीम सहित नशीले पदार्थ भरे हुए थे.

उन्होंने कहा था, "म्यांमार से अवैध रूप से लाई गई कई केनबो बाइकें जब्त की गई हैं, जिनका इस्तेमाल मुख्य रूप से संकरे और कठोर इलाकों में पोस्ता दाना और नशीली दवाओं को पहुंचाने के लिए किया जाता था."

यह बयान तब आया है जब राज्य पुलिस ने कथित तौर पर 20.26 किलोग्राम पोस्ता दाना और म्यांमार में इस्तेमाल होने वाले चार दोपहिया वाहन जब्त किए थे. उन्होंने कांगपोकपी जिले के ओल्ड बोलजांग गांव में दो युवकों को भी हिरासत में लिया था.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाइक के पार्ट्स म्यांमार और मणिपुर में एक विशेष डीलर तक पहुंचने से पहले चीन के युन्नान प्रांत से थाईलैंड होते हुए आते हैं. इन्हें उखरूल और कामजोंग में इकट्ठा किया गया है.

मणिपुर में इन बाइकों का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों के अलावा अफ़ीम के कारोबार में भी होने का इतिहास रहा है और अब यह बाइक भी मणिपुर हिंसा में एक और हथियार बन गई है.

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