Batla House Encounter: आतंकी आरिज की फांसी को दिल्ली HC ने उम्रकैद में क्यों बदला? जानें कोर्ट का फैसला
Advertisement
trendingNow11912388

Batla House Encounter: आतंकी आरिज की फांसी को दिल्ली HC ने उम्रकैद में क्यों बदला? जानें कोर्ट का फैसला

Delhi High Court Ariz Khan: निचली अदालत ने अपने फैसले में आरिज के गुनाह को रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस मानते हुए फांसी की सजा दी थी. साकेत कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि आरिज खान ने जिस तरह बिना किसी उकसावे के पुलिस पर फायरिंग की, वो अपने आप में बेहद घृणित और क्रूर अपराध है.

Batla House Encounter: आतंकी आरिज की फांसी को दिल्ली HC ने उम्रकैद में क्यों बदला? जानें कोर्ट का फैसला

Inspector Mohan Chand Sharma: बटला हाउस एनकाउंटर में इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की हत्या के दोषी आरिज खान को निचली अदालत से मिली फांसी की सजा को दिल्ली हाई कोर्ट ने उम्रकैद में तब्दील कर दिया है. हाई कोर्ट ने इस मामले में आरिज की दोष सिद्धि के फैसले को बरकरार रखा लेकिन इसके बावजूद  केस को रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस न मानते हुए आरिज खान की फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील किया है.

इंस्पेक्टर शर्मा की जान किसकी गोली से गई?

हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि चश्मदीदों के बयान और दूसरे सबूत इस बात की ओर इशारा करते है कि आरिज  मौके पर मौजूद था और घटनास्थल से भागते हुए उसने रेड डालने पहुंची पुलिस टीम पर फायरिंग भी की थी. लेकिन  इसके साथ ही ऐसा कुछ रिकॉर्ड पर मौजूद नहीं है, जिससे साबित हो सके कि इंस्पेक्टर मोहनचंद शर्मा को किस आरोपी की गोली लगी थी, जिसके चलते उनकी जान गई.

'याद रखा जाएगा इंस्पेक्टर शर्मा का योगदान'

कोर्ट ने फैसले में कहा कि वो बात से भली भांति अवगत है कि देश ने अपना एक शानदार पुलिस अफसर खो दिया. ऐसा अफसर जिसने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए जान तक दे दी. राष्ट्र उनका योगदान कभी नहीं भूलेगा. लेकिन इस केस में जो तथ्य है, उसके तहत ये केस रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस की कैटगरी में आने लायक नहीं है.

'दोषी के सुधार की गुंजाइश से इनकार नहीं'

दिल्ली हाईकोर्ट ने आरिज को लेकर एहबास और बाकी की रिपोर्ट के आधार पर कहा कि दोषी का व्यवहार सामान्य है और उसके सुधार की गुंजाइश से इनकार नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने अपने फैसले में ये भी कहा है कि बटला हाउस  शूटआउट की पहले से कोई योजना नहीं थी. 

पुलिस ने खुद माना है कि टीम वहां संदिग्ध आतिफ को गिरफ्तार करने के लिए पहुंची थी. लेकिन पुलिस टीम जैसे ही रेड के लिए वहां पहुंची तो उन्हें फायरिंग का सामना करना पड़ा.

'क्या था बटला हाउस एनकाउंटर'

19 सितंबर 2008  को पुलिस और आतंकियों की मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए थे. इस एनकाउंटर में दो आतंकी मारे गए थे. ये एनकाउंटर  दिल्ली में पांच सिलसिलेवार धमाकों के बाद हुआ था. इन ब्लास्ट में 39 लोग मारे गए थे, 159 लोग घायल हुए थे. 

इन धमाकों के गुनहगार आतंकियों की तलाश के लिए मोहन चंद शर्मा के नेतृत्व में पुलिस ने बटला हाउस के मकान नंबर  L18  में छापेमारी की. आरिज खान मौके से फरार हो गया था. इसके बाद उसे भगोड़ा घोषित कर दिया और  14 फरवरी 2018 को उसे गिरफ्तार कर  लिया गया था.

 क्या था निचली अदालत का फैसला

निचली अदालत ने अपने फैसले में आरिज के गुनाह को रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस मानते हुए फांसी की सजा दी थी. साकेत कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि आरिज खान ने जिस तरह बिना किसी उकसावे के पुलिस पर फायरिंग की, वो अपने आप में बेहद घृणित और क्रूर अपराध है. उसका अपराध कोई सामान्य हरकत न होकर देश के खिलाफ अपराध है .

आरिज  न केवल समाज के लिए खतरा है, बल्कि देश का दुश्मन है. इस अपराध को जिस जघन्यता के साथ अंजाम दिया गया है, उस लिहाज से वो  रियायत का अधिकारी नहीं है. वो अपने जीने का अधिकार खो चुका है.

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news