One Nation One Election: एक देश में एक ही चुनाव कराए जाने को लेकर जहां प्रयास किए जा रहे हैं वहीं सरकार इसी तर्ज पर एक राष्ट्र में एक ही समय लागू करने पर विचार कर रही है.
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एक देश में एक ही चुनाव कराए जाने को लेकर जहां प्रयास किए जा रहे हैं वहीं सरकार इसी तर्ज पर एक राष्ट्र में एक ही समय लागू करने पर विचार कर रही है. इस संदर्भ में समय पालन को मानकीकृत करने के लिए सरकार ने सभी आधिकारिक और वाणिज्यिक मंचों पर भारतीय मानक समय (आईएसटी) के अनिवार्य रूप से उपयोग के लिए व्यापक नियमों का मसौदा तैयार किया है.
मकसद
कानूनी माप विज्ञान (भारतीय मानक समय) नियम, 2024 का मकसद समय पालन प्रथाओं को मानकीकृत करने के लिए एक कानूनी ढांचा स्थापित करना है. यह ढांचा कानूनी, प्रशासनिक, वाणिज्यिक और आधिकारिक दस्तावेजों के लिए एकमात्र समय संदर्भ के रूप में आईएसटी को अनिवार्य बनाता है. इसका मतलब ये हुआ कि आधिकारिक और वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए आईएसटी के अलावा अन्य किसी भी समय संदर्भों पर रोक लगा दी जाएगी.
नियम के मसौदे के अनुसार, ‘‘वाणिज्य, परिवहन, सार्वजनिक प्रशासन, कानूनी अनुबंध और वित्तीय संचालन सहित सभी क्षेत्रों में आईएसटी अनिवार्य समय संदर्भ होगा.’’
अपवादों को अनुमति
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि रणनीतिक और गैर-रणनीतिक क्षेत्रों के लिए नैनोसेकंड सटीकता के साथ सटीक समय जरूरी है. इस कारण खगोल विज्ञान, नेविगेशन और वैज्ञानिक अनुसंधान जैसे विशेष क्षेत्रों के लिए अपवादों की अनुमति दी जाएगी जिसके लिए पहले सरकारी मंजूरी लेनी होगी.
गौरतलब है कि उपभोक्ता मामलों का विभाग राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ मिलकर एक मजबूत समय निर्माण और प्रसार तंत्र विकसित कर रहा है. मंत्रालय ने हितधारकों से 14 फरवरी तक नियमों के मसौदे पर सुझाव देने के लिए कहा गया है.