सैफ अली खान पर हमले के आरोपी शरीफुल इस्लाम की गिरफ्तारी से पहले छत्तीसगढ़ में भी एक शख्स को गिरफ्तार किया गया था. जिसे बाद में छोड़ दिया गया. हालांकि उसकी गिरफ्तारी की वजह से उसकी जिंदगी उथल-पुथल हो गई.
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Saif Ali Khan Attack: 16 जनवरी को सैफ अली खान पर हुए हमले का आरोपी पुलिस की लम्बी जिद्दोजहद के बाद 19 जनवरी की देर रात गिरफ्तार कर लिया गया था. हालांकि उससे पहले एक संदिग्ध को छत्तीसगढ़ से इसी आरोप में हिरासत में लिया गया था लेकिन बाद में पता चला कि ये वो शख्स नहीं है, जिसके बाद उसे छोड़ दिया गया है. हालांकि संदिग्ध को पकड़कर छोड़ना एक छोटा अमल हो सकता है लेकिन इन चंद दिनों की कार्रवाई से उसका पूरा जीवन तबाह गया है, उसके पास कोई नौकरी नहीं है और परिवार को बदनामी का सामना करना पड़ रहा है.
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि कोलाबा निवासी को हिरासत में लिए जाने की वजह से उसकी नौकरी चली गई, यहां तक कि उसकी शादी भी कैंसिल हो गई. 31 वर्षीय मुंबई निवासी आकाश कैलाश कनौजिया को अभिनेता पर उनके बांद्रा में मौजूद उनके घर पर हमले के दो दिन बाद 18 जनवरी को हिरासत में लिया गया था. कनौजिया को छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन से हिरासत में लिया गया, जब वह मुंबई से छत्तीसगढ़ में अपने पैतृक स्थान नेहला लौट रहे था.
कन्नौजरिया का कहना है कि वह 17 जनवरी को अपनी बीमार दादी और भावी दुल्हन से मिलने के लिए ज्ञानेश्वर एक्सप्रेस से बिलासपुर जा रहा था, तभी उसे स्टेशन पर रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया. यह मुंबई पुलिस के ज़रिए RPF को दिए गए एक गलत अलर्ट के बाद हुआ, जिसमें दावा किया गया था कि अभिनेता के मुंबई मौजूद आवास पर डकैती की नाकाम कोशिश के पीछे कनौजिया का हाथ है.
कन्नौजिया का कहना है कि आरपीएफ कर्मियों ने न सिर्फ मुझे गिरफ्तार किया, बल्कि उन्होंने मेरी तस्वीर के साथ एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की, जिसे टेलीविजन चैनलों और मीडिया आउटलेट्स ने बड़े स्तर पर दिखाया. जिसके चलते मुझे अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा. साथ ही उसको निजी जीवन में भी झटका लगा, क्योंकि दुल्हन के परिवार ने उससे मिलने से इनकार कर दिया.
कनौजिया मुंबई में पश्चिमी रेलवे के साथ काम करने वाली एक टूर कंपनी में ड्राइवर के तौर पर काम करता था. 17 जनवरी को उसे मुंबई पुलिस से एक कॉल आया, जिसमें उससे उसके ठिकाने के बारे में पूछा गया. जब उसने अधिकारी से कहा कि वह घर पर हैं तो उन्होंने कॉल काट दिया.
कैलाश के मुताबिक,'अगले दिन मैं मुंबई से ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस में सवार हुआ, ताकि छत्तीसगढ़ के नेहला में अपने पैतृक स्थान पर अपनी बीमार दादी से मिल सकूं. मुझे बिलासपुर में ट्रेन बदलकर नेहला जाना था और बाद में अपनी होने वाली दुल्हन के परिवार से मिलना था. 18 जनवरी को जब ट्रेन सुबह करीब 10 बजे दुर्ग जंक्शन पहुंची, तो आरपीएफ कर्मियों ने उसे हिरासत में ले लिया.'
कनौजिया ने कहा,'मेरा परिवार तब स्तब्ध रह गया और उनकी आंखों में आंसू आ गए, जब मीडिया ने मेरी तस्वीरें दिखानी शुरू कीं और दावा किया कि मैं इस मामले में मुख्य संदिग्ध हूं. मुंबई पुलिस की एक गलती ने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी. वे यह गौर करने में नाकाम रहे कि मेरी मूंछें थीं और अभिनेता की बिल्डिंग में लगे सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे व्यक्ति की मूंछें भी नहीं थीं.'
कनौजिया ने दावा किया कि लंबे समय तक इलाज के बाद उनके भाई की मौत हो गई, जिसके कारण उनके परिवार को विरार में अपना घर बेचना पड़ा और कफ परेड की एक चॉल में शिफ्ट होना पड़ा.
कनौजिया ने कहा,'मेरे खिलाफ कफ परेड में दो और गुरुग्राम में एक मामला दर्ज है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मुझे इस तरह से संदिग्ध के तौर पर पकड़ा जाए और फिर मुझे अधर में छोड़ दिया जाए. मैं सैफ अली खान की बिल्डिंग के बाहर खड़ा होकर नौकरी मांगने की योजना बना रहा हूं, क्योंकि उनके साथ जो हुआ, उसकी वजह से मैंने अपना सब कुछ गंवा दिया है.'