कब्रिस्तान सुंदरीकरण के लिए हेमंत सरकार ने खोल दिया खजाना! लेकिन गढ़वा में विवाद हो गया
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कब्रिस्तान सुंदरीकरण के लिए हेमंत सरकार ने खोल दिया खजाना! लेकिन गढ़वा में विवाद हो गया

Garhwa News: राज्य की हेमंत सरकार ने गढ़वा जिले मे हाल के दिनों मे कब्रिस्तान सुंदरीकरण के नाम पर कल्याण विभाग को खूब राशि आवंटित की है. जिले में अभी 23 कब्रिस्तान के जमीन को लगभग पांच करोड़ रूपए आवंटित की है. जिसमें एक कब्रिस्तान जिले मे चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि इसका विरोध हिन्दू समाज के लोग कर रहे है. इसके पीछे का कारण है जिस कब्रिस्तान को लगभग 16 लाख रुपय फंड आवंटित किया गया है. वो कब्रिस्तान नहीं बल्कि इमामबाड़ा है और वह माहज तीन डिसमिल जमीन है जो की फर्जीवाड़ा कर पास करा लिया गया है.

गढ़वा में कब्रिस्तान

Garhwa: गढ़वा जिले के रमना प्रखंड मुख्यालय मे फर्जीवाड़ा का एक मामला सामने आया है. जहां इमामबाड़े की जमीन को कब्रिस्तान का जमीन बताकर 16 लाख की योजना स्वीकृत करा ली गई. यह कब्रिस्तान को लेकर हिन्दू समुदाय के लोगों ने कड़ा विरोध करते हुए इसे रद्द करने की मांग की है. हिन्दू समुदाय का कहना है कि घोटाला करने के लिए यह योजना ली गई है, क्योंकि यह आबादी यहां नहीं है. यहां सिर्फ हिन्दुओं की आबादी है सिर्फ एक दो घरों के लिए कब्रिस्तान कैसे पास हो गया. जबकि, इनका कब्रिस्तान दूसरे जगह है. कुछ मुस्लिम समाज भी हिन्दू समाज के पक्ष में खड़े दिखाई दे रहे हैं. 

कब्रिस्तान बनाने के विरोध में लोगों की बैठक दुर्गा मंदिर प्रांगण में किया गया. बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार, इस कब्रिस्तान घेराबंदी और सुंदरीकरण योजना को रद्द करने के लिए सीओ सह बीडीओ बासुदेव राय को ग्रामीणों ने आवेदन दिया है. यह योजना कल्याण विभाग से स्वीकृत है. जिसका प्राक्कलन राशि 15 लाख 58 हजार है. ग्रामीणों ने इसे लूट योजना और आपसी सौहार्द बिगाड़ने वाली योजना बताया है. 

इस संबंध में कई लोगों ने कहा कि एक विशेष सामुदाय के लिए प्रखंड कार्यालय के समीप पहले से ही बड़े भू भाग पर कब्रिस्तान बना हुआ है. उसका भी लगभग 24 लाख की लागत से सुंदरीकरण का स्वीकृति दी गई है. जिसमें सभी सदस्यों ने खुशी जाहिर की. लेकिन सरकारी रुपए का बंदरबांट करने और आपसी सौहार्द बिगाड़ने के लिए कुछ लोगों द्वारा रमना बाजार के घनी आबादी के पास महज तीन डीसमील भूमि पर 15 लाख 58 हजार के लागत का कब्रिस्तान घेराबंदी की स्वीकृति जिला कल्याण विभाग से कराया गया है. जबकि इस भूमि पर कभी भी विशेष समुदाय द्वारा किसी के शव को मिट्टी नहीं दिया गया है.

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उन्होंने कहा कि यह केवल चंद लोगों द्वारा आपसी सौहार्द बिगाड़ने की साज़िश है. उन्होंने कहा कि इस योजना को रद्द करने के लिए सीओ सह बीडीओ बासुदेव राय को आवेदन दिया गया है. अगर यह योजना रद्द नहीं किया गया, तो इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा. लोगों ने कहा कि कब्रिस्तान निर्माण स्थल से महज कुछ दूरी पर ही हिंदू समाज का डिहवार स्थल और दुर्गा मंदिर स्थित है.

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कब्रिस्तान की जमीन बताकर योजना पास कराने के मामले मे कुछ मुस्लिम समाज के लोग भी विरोध कर रहे हैं. एक मुस्लिम ने कहा कि मेरा अबुआ आवास का पैसा रुका हुआ है, नहीं दिया जा रहा है. लेकिन तीन डिसमिल के जमीन को कब्रिस्तान बताकर उसमें 15 लाख रुपया लगाया जा रहा है जो गलत है. यह व्यक्तिगत योजना है. इससे हमलोगों का कोई भला नहीं है. यहां हिन्दू समाज की आबादी है हमको भी यही रहना है. इस मामले मे जिला कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि जानकारी मिली है जांच करा रहे है, अगर त्रुटि मिलेगी तो कार्रवाई की जाएगी.

रिपोर्ट: आशीष प्रकाश

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