Ahoi Ashtami Vrat 2022 : अहोई अष्टमी व्रत से पूरी होती है संतान प्राप्ति की कामना, इन नियमों का रखें खास ख्याल
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar1397871

Ahoi Ashtami Vrat 2022 : अहोई अष्टमी व्रत से पूरी होती है संतान प्राप्ति की कामना, इन नियमों का रखें खास ख्याल

Ahoi Ashtami Vrat 2022: हिंदू धर्म में संतान और पति की लंबी आयु के लिए महिलाएं कई व्रत रखती हैं. इन्हीं में से एक है अहोई अष्टमी व्रत. हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को अहोई अष्टमी व्रत रखा जाता है.

Ahoi Ashtami Vrat 2022 : अहोई अष्टमी व्रत से पूरी होती है संतान प्राप्ति की कामना, इन नियमों का रखें खास ख्याल

पटनाः Ahoi Ashtami Vrat 2022: हिंदू धर्म में संतान और पति की लंबी आयु के लिए महिलाएं कई व्रत रखती हैं. इन्हीं में से एक है अहोई अष्टमी व्रत. हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को अहोई अष्टमी व्रत रखा जाता है. इस बार अहोई अष्टमी का व्रत 17 अक्टूबर, यानी कल सोमवार को रखा जाएगा. अहोई अष्टमी का व्रत काफी महत्वपूर्ण है और इस दिन महिलाएं अपने बच्चों की लंबी उम्र व सुख-समृद्धि की कामना से व्रत करती हैं और भगवान शंकर-पार्वती की उपासनी करती है. अहोई अष्टमी पर चांद और तारों को देखने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है.

अहोई अष्टमी का शुभ मुहूर्त 
अहोई अष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 5 बजकर 50 मिनट पर शुरू होगा. यह मुहूर्त शाम 7 बजकर 5 मिनट तक रहेगा. इस शुभ मुहूर्त में पूजा करने से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं. माताएं दिनभर निर्जला व्रत रखने के बाद शाम को तारों को अर्घ्य देकर व्रत को पूर्ण करती हैं. 

अहोई अष्टमी व्रत करने की विधि
- जो भी माताएं ये व्रत रख रही हैं ,वो सूर्योदय से पहले स्नान कर लें और व्रत रखने का संकल्प लें.
- अहोई माता की पूजा करने के लिए दीवार या कागज पर गेरू से अहोई माता का चित्र बनाएं. इसके साथ सेह और उसके सात पुत्रों का चित्र भी बनाएं.
- शाम को पूजा के समय अहोई माता के चित्र के सामने एक चौकी रखें. फिर उस पर जल से भरा कलश रख दें. 
- अहोई माता की पूजा रोली और चावल से करें. फिर माता को मीठे पुए या आटे के हलवे का भोग लगाएं.
- कलश पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं. 

अहोई अष्टमी व्रत पर इन नियमों का रखें विशेष ख्याल  
1. अहोई अष्टमी के दिन भगवान गणेश की पूजा अवश्य करनी चाहिए.
2. अहोई अष्टमी व्रत तारों को देखकर खोला जाता है. इसके बाद अहोई माता की पूजा की जाती है. 
3. इस दिन कथा सुनते समय हाथ में 7 अनाज लेना शुभ माना जाता है. पूजा के बाद यह अनाज किसी गाय को खिलाना चाहिए. 
4. अहोई अष्टमी की पूजा करते समय साथ में बच्चों को भी बैठाना चाहिए. माता को भोग लगाने के बाद प्रसाद बच्चों को अवश्य खिलाएं. 

यह भी पढ़ें- Happy Ahoi Ashtami Wishes: 'जीवन में लाए खुशियां अपार..,' इन प्यार भरे संदेशों से दें अपनों को अहोई अष्टमी व्रत की शुभकामनाएं

Trending news