भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा मठ की जमीन, कुछ इस तरह भूमाफियाओं ने किया इसपर कब्जा
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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा मठ की जमीन, कुछ इस तरह भूमाफियाओं ने किया इसपर कब्जा

संपतचक सीओ और राजस्व कर्मचारी की करतूतों का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि इसी प्रकार के भ्रष्टाचार का एक और मामला सामने आया है. ताजा मामला पटना जिलांतर्गत नौबतपुर प्रखंड के चिरौरा पंचायत के गोपालपुर गांव स्थित राम जानकी ठाकुरवाड़ी मठ के भूखंड का है.

(फाइल फोटो)

पटना : संपतचक सीओ और राजस्व कर्मचारी की करतूतों का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि इसी प्रकार के भ्रष्टाचार का एक और मामला सामने आया है. ताजा मामला पटना जिलांतर्गत नौबतपुर प्रखंड के चिरौरा पंचायत के गोपालपुर गांव स्थित राम जानकी ठाकुरवाड़ी मठ के भूखंड का है. बताते चलें कि सर्वे खतियान में रामजानकी ठाकुरवाड़ी के न्यासधारी प्रयाग दास के नाम पर 4 एकड़ से ज्यादा जमीन थी लेकिन अधिकारियों और भूमाफिया की कारस्तानी का नतीजा यह है कि अब रामजानकी ठाकुरवाड़ी के नाम पर महज दो एकड़ 41 डिसमिल ही शेष भखंड बचा है. बाकी भूखंड भूमाफियाओ की भेंट चढ़ गया. 

भूमाफिया और अधिकारियों के हेलमेल का खेल तब लोगों के सामने आया जब रामजानकी ठाकुरवाड़ी के नाम से खतियानी जमीन जिसका मौजा गोपालपुर खाता संख्या 62 खेसरा 1001 ,रकवा 6.25 डिसमिल के दाखिल खारिज के लिये वाद संख्या 12261/22-23 अखतरी बानो ने 25 जुलाई को ऑनलाईन आवेदन किया लेकिन आवेदन को यह कहते हुये अस्वीकृत कर दिया गया कि आवेदित खाता और खेसरा मठ का भूखंड है, लेकिन ठीक एक महीने बाद पुनः उसी मौजा यानी गोपालपुर के खाता 62 और खेसरा 1001 में 9.375 डिसमिल के दाखिल खारिज के लिये वाद संख्या 12579/22-23 आवेदक मो सोहैल अंसारी और 6.199 डिसमिल जमीन के दाखिल खारिज के लिये वाद संख्या 12582/22-23 आवेदक सैयद मोहम्मद जियाउद्दीन गिलानी द्वारा ऑनलाइन आवेदन किया गया. आश्चर्य देखिये कि जिस भूखंड का एक माह पूर्व आवेदन यह कहते हुये अस्वीकृत कर दिया गया था कि उक्त भूखंड राम जानकी मठ का है. लेकिन अगले महीने उसी जमीन का पुनःदाखिल खारिज कर दिया गया. इस बात की जानकारी ग्रामीणों और राम जानकी ठाकुरवाड़ी के सदस्यों को हुई तो वे हतप्रभ रह गए कि यह कैसे हो सकता है.

जब इसकी छानबीन की गई तो पता चला कि पहले जिस कर्मचारी ने उक्त खाता, खेसरा के भूखंड को मठ की जमीन बताते हुये अस्वीकृत कर दिया था उस राजस्व कर्मचारी को ही उस हल्का के प्रभार से हटा दिया गया और उसके जगह पर दूसरे राजस्व कर्मचारी को उस हल्का का प्रभार दिलाकर दाखिल खारिज के लिये आये दोनों आवेदनों को निष्पादित करते हुए जमाबंदी कायम कर दी गई. इस संबंध में मठ के सचिव राजदेव शर्मा एवं सदस्यों द्वारा जिलाधिकारी,अंचलाधिकारी को लिखित शिकायत पत्र देकर कारवाई की मांग की है. जब अंचलाधिकारी को लगा कि मामला तूल पकड़ लिया है तो आनन-फानन में दिखावे के तौर पर दो लोगों की जमाबंदी एडीएम राजस्व पटना को रद्द करने के लिये पत्र लिखा है, लेकिन उसी खाता के कई प्लाट का अभी भी जमाबन्दी कायम है.ग्रामीणों ने भ्रष्टाचार में लिप्त अंचलाधिकारी और कर्मचारियों की संपत्ति की जांच करने की मांग सरकार से की है. वहीं पिछले 35 वर्षों से राम जानकी मठ के भूखंड को अतिक्रमण से मुक्त कराने एवं बंद पड़े प्रतिमा की पूजा अर्चना शुरू कराने की मांग की है.

इस संबंध में पूछे जाने पर अंचलाधिकारी विजेंद्र कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में आते ही पहली बार मठ के भूखंड का स्थल निरीक्षण करने आया हूं. न्यास समिति का अध्यक्ष होने से उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर करते हुये कहा कि रसीद कैंसिल करने की प्रक्रिया की जा रही है और ग्रामीणों के साथ बैठक कर समस्या के निराकरण करने का प्रयास जारी है. बहरहाल एक बात स्पष्ट है कि ग्रामीणों ने राम जानकी मठ का भूखंड भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है और अंचल कार्यालय की भूमिका संदिग्ध है.
(Report-Shashank Shekhar)

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