मुआवजा को हो रही देरी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि सरकार की तरफ से कोई भी एसएलपी सुप्रीम कोर्ट में दायर नहीं की गई है.
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Patna: बिहार के मुंगेर गोलीकांड को लेकर पटना हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है. कोर्ट ने कहा है कि बिहार सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में कोई एसएलपी दायर नहीं की गई है. जानकारी के अनुसार, मुंगेर गोलीकांड कोर्ट ने परिजनों को 10 लाख रुपए का अंतरिम मुआवजा देने का आदेश दिया था.
मुआवजा को हो रही देरी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि सरकार की तरफ से कोई भी एसएलपी सुप्रीम कोर्ट में दायर नहीं की गई है. ये खबर गलत है. इस पर राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट के वकील से एसएलपी दायर करने हेतु कानूनी मशविरा मांगा गया था. दुर्भाग्यवश उक्त वकील की कोविड से मौत हो जाने के कारण ऐसा नहीं हो सका था.
इसके अलावा सरकारी अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि महाधिवक्ता ने सलाह दी थी कि अब सुप्रीम कोर्ट जाने की बजाए बिहार सरकार हाईकोर्ट में ही सिर्फ मुआवजा के लिए सुधार अर्जी डाल सकती है.
इस पर न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद ने सीआईडी के एडीजी को निर्देश दिया कि उक्त गोलीकांड के अनुसंधान की प्रगति रिपोर्ट के साथ बुधवार 19 मई को सुबह साढ़े दस बजे वीडियो कोंनफ्रेन्सिंग पर मौजूद रहें.
बता दें कि सोमवार को सुनवाई में कोर्ट को पीड़ित परिवार की तरफ से बताया गया कि कोर्ट आदेश के चार हफ्ते बीत जाने के बाद भी राज्य सरकार से 10 लाख रुपये बतौर मुआवजा नहीं मिला है. राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया था कि सरकार हाईकोर्ट आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गयी है.