Advertisement
trendingPhotos/india/bihar-jharkhand/bihar2635895
photoDetails0hindi

Mahakumbh 2025: महाकुंभ पहुंचे आरिफ मोहम्मद खान, किया सत्संग, देखें Photos

Arif Mohammad Khan In Mahakumbh 2025: बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान गुरुवार (6 फरवरी) को महाकुंभ में पहुंचे. महाकुंभ में उनका इस कदर दिल लग गया कि उन्होंने यहां तीन दिन तक ठहरने का फैसला लिया है.

1/7

इस दौरान राज्यपाल ने महाकुंभ की अलौकिक अनुभूति को अविस्मरणीय बताते हुए आयोजन की भव्यता और राज्य सरकार की व्यवस्थाओं की सराहना की. उन्होंने कहा कि हमें हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि भारत की संस्कृति का सनातन आदर्श एक आत्मता है. यहां सारे भेदभाव खत्म हो जाते हैं.

2/7

राज्यपाल ने कहा कि हमारी संस्कृति कहती है कि किसी भी व्यक्ति को उसके दिव्य रूप में देखों. मानव ही माधव का रूप है और यहां ये सब नजर आता है. महाकुंभ को भारत की आध्यात्मिक विरासत का गौरव बताते हुए उन्होंने कहा कि यह आयोजन संपूर्ण विश्व को शांति, एकता और सेवा का संदेश देता है.

3/7

बिहार के राज्यपाल ने ऐलान किया था वह महाकुंभ जाएंगे और वहां तीन दीन बिताएंगे. सरकारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, राज्यपाल परमार्थ निकेतन शिविर पहुंचे, जहां उन्होंने स्वामी चिदानंद सरस्वती से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया.

4/7

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और स्वामी चिदानंद सरस्वती के बीच आध्यात्मिक चिंतन, भारतीय संस्कृति, गंगा संरक्षण और वैश्विक शांति के विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई. इस दौरान राज्यपाल ने भी सनातन धर्म की काफी तारीफ की.

5/7

बता दें कि महाकुंभ में मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध सरकार की ओर से नहीं लगाया गया है. यह प्रतिबंध देश के साधु-संतों ने लगाया है. हालांकि, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अगर कोई सनातन को मानता है और सनातन का सम्मान करता है तो उसका इस मेले में स्वागत है.

6/7

13 जनवरी से अब तक 40 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं. सरकार का अनुमान है कि इस बार महाकुंभ में करीब 45 करोड़ लोग स्नान करेंगे. बता दें कि देश-विदेश में महाकुंभ की दिव्यता के बारे में सोशल मीडिया आदि पर देख-सुनकर पाकिस्तान के सनातनी लोग खुद को यहां आने से रोक न सके.

7/7

पाकिस्तान के सिंध प्रांत से 68 हिंदू श्रद्धालुओं का एक जत्था गुरुवार (6 फरवरी) को प्रयागराज महाकुंभ में पहुंचा और संगम में डुबकी लगाई. इस दौरान सभी श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में स्नान कर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.