सिविल सर्जन डॉ केके राय ने अनुसार बुद्धा कॉलोनी, फुलवारीशरीफ, वराजीव नगर, दानापुर, शास्त्रीनगर और कंकड़बाग आदि इलाको से 12 बच्चे भी पॉजिटिव पाए गए है. इसके अलावा ट्रांसपोर्ट नगर, नेऊरा, पालीगंज, मसौढ़ी, पंडारक, खगौल आदि अलग-अलग इलाकों से मरीज मिले हैं.
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पटना : Dengue In Patna : पटना में डेंगू ने पूरी तरह से अपने पैर पसार लिए है. पटना में अब तक डेंगू का आंकड़ा 49 सौ के पार पहुंच गया है. पीएमसीएच, आइजीआइएमएस समेत अन्य सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में रोजाना नये मरीज चिह्नित किये जा रहे हैं. इसी क्रम में पीएमसीएच अस्पताल के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में 6 मरीज नये पाए गए है. इनमें एक कर्मचारी व पांच अन्य मरीज शामिल हैं. इसके अलावा आइजीआइएमएस में 32 और एनएमसीएच में 42 व पीएचसी, प्राइवेट अस्पतालों में 11 समेत पटना जिले में 91 नये डेंगू के मरीज मिले हैं. इनमें 67 मरीज शहर और 24 मरीज ग्रामीण इलाकों के रहने वाले हैं. डेंगू के खतरे को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम द्वारा समय समय पर अभियान चलाया जा रहा है.
पिछले 24 घंटे में इतने बच्चे हुए भर्ती
बता दें कि डेंगू से पीड़ित मरीजों की संख्या में सबसे ज्यादा बच्चे और किशोर को चिह्नित किया जा रहा है. आइजीआइएमएस में 24 घंटे के अंदर चार बच्चों को डेंगू वार्ड भर्ती किया गया है. चारों बच्चे पीआइसीयू डेंगू वार्ड में भर्ती किया गया है. मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मनीष मंडल ने अनुसार सभी चार बच्चों के अलावा तीन मरीज एचडीयू, चार प्राइवेट वार्ड व पांच प्राइवेट वार्ड में भर्ती हुए है. इसके अलवा पीएमसीएच में 35 मरीज भर्ती हैं. डॉक्टरों के मुताबिक अधिकांश मरीज खतरे से बाहर हैं.
पटना जिले में 4849 पहुंची मरीजों की संख्या
बता दें कि सिविल सर्जन डॉ केके राय ने अनुसार बुद्धा कॉलोनी, फुलवारीशरीफ, वराजीव नगर, दानापुर, शास्त्रीनगर और कंकड़बाग आदि इलाको से 12 बच्चे भी पॉजिटिव पाए गए है. इसके अलावा ट्रांसपोर्ट नगर, नेऊरा, पालीगंज, मसौढ़ी, पंडारक, खगौल आदि अलग-अलग इलाकों से मरीज मिले हैं. उन्होंने बताया कि जिले में कुल आंकड़ा 4849 मरीज थे. साथ ही बता दें कि डेंगू के बढ़ते मामले को देखते हुए शहर में नगर-निगम की ओर से डीडीटी के छिड़काव भी किए जा रहे है. साथ ही डेंगू प्रभावित इलाकों में दो राउंड फॉगिंग करने का दावा किया जा रहा है. हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि सिर्फ फॉगिंग के भरोसे रहने पर डेंगू से छुटकारा नहीं मिल पाएगा. इससे बचने के लिए खुद से सावधान होने की जरूरत है. वहीं गार्डिनर रोड अस्पताल के अधीक्षक डॉ मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि फॉगिंग में एक लीटर पायरेथ्रियम और कुछ अन्य केमिकल मिलाये जाते हैं. पायरेथ्रियम सहित कुल छह तरह के केमिकल मिलाये जाते हैं. उन्होंने बताया कि डेंगू से सुरक्षित रहने के लिए बचाव सबसे बेहतर उपाय हो सकता है.
डेंगू से सुरक्षित रहने के लिए बचाव है बेहतर उपाय
बता दें कि सिविल सर्जन डॉ केके राय के अनुसार डेंगू के मच्छर दिन के समय में अधिक काटते हैं. ऐसे में पूरी आस्तीन वाले कपड़ों को पहनें है. डेंगू के मच्छर आम तौर पर स्थिर और साफ पानी में प्रजनन करते हैं, इसलिए मच्छरों को बढ़ने से रोकने के लिए पानी एकत्रित न होने दें. सप्ताह में कम से कम एक बार खाली कंटेनर, फूलदान, कूलर आदि से पानी निकालकर उन्हें साफ जरूर कर लें. इस तरह के बचाव के उपायों को प्रयोग में लाकर डेंगू के संक्रमण से सुरक्षित रहा जा सकता है.
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