Jharkhand Assembly Election 2024: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को SC से झटका, अब नहीं लड़ सकेंगे विधानसभा चुनाव
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Jharkhand Assembly Election 2024: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को SC से झटका, अब नहीं लड़ सकेंगे विधानसभा चुनाव

Supreme Court: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है. शुक्रवार को कोर्ट ने उनकी ओर से दोषसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी. 

Jharkhand Assembly Election 2024: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को SC से झटका, अब नहीं लड़ सकेंगे विधानसभा चुनाव

रांचीः Supreme Court: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 4,000 करोड़ रुपये के कोयला घोटाले में दोषसिद्धि को निलंबित करने की उनकी याचिका खारिज कर दी. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कोड़ा की सजा निलंबित करने की याचिका का निपटारा करने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष कोड़ा की विशेष अनुमति याचिका में तर्क दिया गया था कि आपराधिक अपील के लंबित रहने के कारण उन्हें चुनाव लड़ने से अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता और निलंबन से इनकार करने से अपरिवर्तनीय परिणाम होंगे, जिनकी भरपाई मौद्रिक या अन्य रूप से नहीं की जा सकती.

पिछले सप्ताह दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोड़ा की याचिका का निपटारा कर दिया और सीबीआई की इस दलील से सहमति जताई कि दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 389(1) और 482 के तहत दायर कोड़ा की नई अर्जी विचारणीय नहीं है, क्योंकि दोषसिद्धि को निलंबित करने की मांग वाली इसी तरह की याचिका 2020 में खारिज कर दी गई थी. दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति नीना कृष्ण बंसल की पीठ ने कहा कि परिस्थितियों या कानून में ऐसा कोई बदलाव नहीं हुआ है, जिससे सजा के निलंबन के लिए इस दूसरे आवेदन पर नए सिरे से विचार करने का अधिकार हो.

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न्यायमूर्ति बंसल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, सजा के निलंबन के लिए पहले के आवेदन को अस्वीकार करते समय उस समय राज्य में आगामी चुनावों में भागीदारी के आधार पर विधिवत विचार किया गया था. कोड़ा को कोयला घोटाले में दोषी पाया गया था और 16 दिसंबर 2017 को पटियाला हाउस कोर्ट परिसर में एक विशेष सीबीआई अदालत ने उन्हें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत तीन साल की जेल की सजा सुनाई और 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया.

ट्रायल कोर्ट ने पाया कि उन्होंने विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड (वीआईएसयूएल) के पक्ष में राजहरा कोल ब्लॉक का आवंटन प्राप्त करने के लिए एक लोक सेवक के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया था. उनकी सजा और जुर्माने पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनकी अपील पर फैसला होने तक रोक लगा दी थी. कोड़ा सितंबर 2006 में झारखंड के मुख्यमंत्री बने और अगस्त 2008 तक इस पद पर बने रहे.

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2020 में कहा था, यदि व्यापक राय यह है कि अपराध के आरोपी व्यक्तियों को सार्वजनिक पदों पर चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए, तो अपीलकर्ता की अयोग्यता को दूर करने के लिए उसकी सजा पर रोक लगाना उचित नहीं होगा. कोर्ट ने सजा को निलंबित करने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया था. साथ ही उसने कहा था कि कोड़ा को किसी भी सार्वजनिक पद के लिए चुनाव लड़ने की सुविधा देना उचित नहीं होगा, जब तक कि उन्हें अंततः बरी नहीं कर दिया जाता.

इनपुट- आईएएनएस के साथ 

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