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बेतिया में प्राइवेट स्कूलों पर भारी पड़ रहे सरकारी विद्यालय! देखिए तस्वीरें

बेतिया में सरकारी स्कूलों के सामने प्राइवेट स्कूल एक-एक कर दम तोड़ रहे हैं, लेकिन सरकारी स्कूल अब प्राइवेट स्कूलों पर भारी पड़ रहे हैं. मझौलिया प्रखंड के राजकीय पारस पकड़ी मध्य विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था में आये बदलाव से एक एक करके प्राइवेट स्कूल दम तोड़ रहे हैं.

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बेतिया में सरकारी स्कूलों के सामने प्राइवेट स्कूल एक-एक कर दम तोड़ रहे हैं, लेकिन सरकारी स्कूल अब प्राइवेट स्कूलों पर भारी पड़ रहे हैं. मझौलिया प्रखंड के राजकीय पारस पकड़ी मध्य विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था में आये बदलाव से एक एक करके प्राइवेट स्कूल दम तोड़ रहे हैं. स्कूल के एक किमी के दायरे में मात्र एक ही प्राइवेट स्कूल बच गया.

निः शुल्क किताब निःशुल्क बैग ने ग्रामीणों को प्रभावित किया

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निः शुल्क किताब निःशुल्क बैग ने ग्रामीणों को प्रभावित किया

प्रधानाध्यापक रामशंकर सिंह ने बताया कि निः शुल्क किताब निःशुल्क बैग ने ग्रामीणों को प्रभावित किया है. FLN किट LEP किट के साथ 75 प्रतिशत उपस्थित छात्रों को छात्रवृति पोशाक नैपकिन आदि सुविधाओं ने प्राइवेट स्कूल की कमर तोड़ दिया है. 

विषयवार शिक्षक उपलब्ध हो गए

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विषयवार शिक्षक उपलब्ध हो गए

सरकारी स्कूल में पर्याप्त विषयवार शिक्षक उपलब्ध हो गए हैं. स्कूल में 15 शिक्षक छात्रों को शिक्षा दे रहे हैं. स्कूल में छात्रों की संख्या 555 हैं. छात्राओं की संख्या 387 है, छात्रों की संख्या 169 हैं.

छात्राएं बढ़ चढ़कर सदस्य बनी

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छात्राएं बढ़ चढ़कर सदस्य बनी

प्रधानाध्यापक रामशंकर सिंह ने बताया कि स्कूल में शिक्षा के साथ छात्र छात्राओं के सर्वांगीण विकास के लिए कई मंच बनाये गए है. यूथ क्लब यूको क्लब मिना मंच बाल संसद, जिसमें छात्राएं बढ़ चढ़कर सदस्य बनी है. छात्राएं गांव की भ्रमण करती हैं. 

प्राइवेट स्कूल एक एककर धाराशाई

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प्राइवेट स्कूल एक एककर धाराशाई

पढ़ाई के साथ पर्यावरण सुरक्षा बाल विवाह समाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए ग्रामीणों को जागरूक भी करती हैं. इस स्कूल के पहल से स्कूल के एक किमी के दायरे में आने वाले प्राइवेट स्कूल एक एककर धाराशाई हो गए. 

शिक्षा विभाग के नीतियों की वजह से यह बदलाव आया

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शिक्षा विभाग के नीतियों की वजह से यह बदलाव आया

शिक्षक बताते हैं कि इस साल सैकड़ों बच्चे प्राइवेट स्कूल से इस सरकारी स्कूल में आये हैं. यहां शिक्षा का स्तर उच्च कोटि का है. यह स्कूल महानगरों के प्राइवेट स्कूल को टक्कर दे रहा है. शिक्षा विभाग के नीतियों की वजह से यह बदलाव आया है.

रिपोर्ट: धनंजय द्विवेदी