BJP के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) ने पांच फरवरी को तमिलनाडु की ‘इरोड पूर्व’ सीट के लिए होने वाले विधानसभा उपचुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है.
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Erode East Assembly Constituency: BJP के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) ने पांच फरवरी को तमिलनाडु की ‘इरोड पूर्व’ सीट के लिए होने वाले विधानसभा उपचुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है. भाजपा की इस घोषणा से चुनाव में कोई मुकाबला नहीं रह गया है, क्योंकि मुख्य विपक्षी दल अन्नाडीएमके और डीएमडीके ने पहले ही उपचुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा की है.
बीजेपी ने कहा कि उसका ध्यान अगले साल होने वाले चुनाव में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) को सत्ता से हटाने पर रहेगा. भाजपा की तमिलनाडु इकाई ने यह बात कही. पूर्व केंद्रीय मंत्री अंबुमणि रामदास की पार्टी पीएमके ने भी चुनावों के बॉयकाट करने का फैसला किया है. पीएमके, एनडीए में बीजेपी की सहयोगी है.
भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने 2022 में यहां हुए उपचुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ डीएमके पर तब लोगों को निर्दिष्ट स्थानों पर ‘‘बंधक’’ बनाने के आरोप लगे थे. उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘वर्ष 2026 में होने वाला विधानसभा चुनाव सत्तारूढ़ डीएमके को हटाने के लिए है और एनडीए उस लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है.’’
अन्नामलाई ने कहा, ‘‘जनता का कल्याण चाहने वाले एनडीए के सभी नेताओं ने विस्तृत विचार-विमर्श के बाद इरोड पूर्व सीट पर उपचुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है. हमारा लक्ष्य 2026 के चुनावों में डीएमके को हटाना और लोगों को एनडीए का सुशासन देना है.’’
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क्यों हो रहा उपचुनाव
कांग्रेस विधायक ईवीकेएस एलंगोवन के निधन के कारण इस सीट पर उपचुनाव जरूरी हो गया है. डीएमके ने अपने नेतृत्व वाले गठबंधन की ओर से वी सी चंद्रकुमार को उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस भी इस गठबंधन में शामिल है. डीएमके ने सारे आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि विपक्ष इसलिए चुनाव का बहिष्कार कर रहा है क्योंकि उसको हार का डर है. 2008 में इरोड ईस्ट सीट अस्तित्व में आई थी. यहां पर 2.26 लाख मतदाता हैं. इनमें से 1.16 लाख महिला और 1.1 लाख पुरुष मतदाता हैं. यहां की अधिकांश आबादी शहरी और अर्ध-शहरी तबके की है. कृषि और टेक्सटाइल बिजनेस पर लोगों की निर्भरता है. अतीत में इस सीट से अन्नाडीएमके और डीएमके के कैंडिडेट जीतते रहे हैं.