Trending Photos
Rajiv Gandhi Foundation FCRA licence: केंद्र की सरकार ने गांधी परिवार से जुड़े एनजीओ (NGO) राजीव गांधी फाउंडेशन (RGF) का विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (FCRA) लाइसेंस रद्द कर दिया है. इस ट्रस्ट पर विदेशी फंडिंग कानून के उल्लंघन के आरोप लगे हैं. सूत्रों के हवाले के आई इस खबर को लेकर एक अधिकारी ने कहा कि जुलाई 2020 में केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा गठित एक मंत्रालयी समिति द्वारा की गई जांच के आधार पर यह फैसला किया गया है.
RGF की वर्तमान अध्यक्ष हैं सोनिया गांधी
अधिकारी ने बताया कि एफसीआरए (FCRA) लाइसेंस रद्द करने की सूचना 'राजीव गांधी फाउंडेशन' के पदाधिकारियों को भेजी गई है. फिलहाल अभी तक केंद्र सरकार के इस फैसले को लेकर आरजीएफ (RGF) की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. इस गैरसरकारी संगठन के निवर्तमान पदाधिकारियों की बात करें तो सोनिया गांधी आरजीएफ की अध्यक्ष हैं. वहीं इसके अन्य ट्रस्टियों में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, पूर्व फाइनेंस मिनिस्टर पी चिदंबरम और केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Vadra) का नाम भी शामिल हैं.
कैसे आगे बढ़ी जांच?
आपको बताते चलें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गांधी फैमिली से जुड़े इन तीन संगठनों, राजीव गांधी फाउंडेशन (RGF), राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट (RGCT) और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट (IGMT) की जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) अधिकारी की अध्यक्षता में एक अंतर-मंत्रालयी जांच समिति का गठन किया था. राजीव गांधी फाउंडेशन के खिलाफ हुई कार्रवाई की बात करें तो इस NGO के खिलाफ जांच जुलाई 2020 में शुरू हुई थी. जांच कमेटी को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, इनकम टैक्स एक्ट और FCRA के संभावित उल्लंघन के आरोपों की जांच करनी थी.
राजीव गांधी फाउंडेशन का इतिहास
RGF की स्थापना 1991 में हुई थी. इस ट्रस्ट ने 1991 से 2009 तक स्वास्थ्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, महिलाओं और बच्चों, विकलांगता सहायता आदि सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम किया था. 12 साल पहले यानी 2010 में इस संगठन ने एजुकेशन सेक्टर पर अपना फोकस किया था.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार की इस कार्यवाई के बाद राजीव गांधी फाउंडेशन अब विदेशों से फंड नहीं ले पाएगा.
ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर