Delhi Election 2025 : इस बार दिल्ली चुनाव में तीन बड़ी पार्टियों ने महिलाओं को ज्यादा मौका दिया है. भाजपा और आम आदमी पार्टी (AAP) ने 9-9 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने 7 महिलाओं को मैदान में उतारा है.
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नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में महिलाओं की भागीदारी ने इस बार नया रिकॉर्ड बना दिया है. कुल 699 उम्मीदवारों में से 96 महिलाएं चुनावी मैदान में उतरी हैं, जो पिछले चुनाव की तुलना में 20 अधिक हैं. यह न केवल महिला सशक्तिकरण का संकेत है, बल्कि यह भी दिखाता है कि प्रमुख राजनीतिक दल अब महिला मतदाताओं और उम्मीदवारों को प्राथमिकता देने लगे हैं. 2020 के चुनावों में 76 महिला उम्मीदवार मैदान में थीं, लेकिन इस बार उनकी संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.
महिला मतदाताओं को साधने की कोशिश
राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार तीन प्रमुख राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी (BJP), आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस ने अपने-अपने एजेंडे में महिला सशक्तिकरण को अहम जगह दी है. BJP और AAP ने 9-9 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने 7 महिलाओं को मैदान में उतारा है. यह कदम महिला मतदाताओं को लुभाने और अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिशों का हिस्सा है, क्योंकि दिल्ली में महिला मतदाताओं का बड़ा वर्ग निर्णायक भूमिका निभाता है.
AAP की रणनीति और दिग्गज चेहरों की लिस्ट
आम आदमी पार्टी ने इस बार कई मजबूत महिला चेहरों को फिर से मौका दिया है. मुख्यमंत्री आतिशी और राखी बिड़लान जैसे दिग्गज नेताओं के साथ-साथ प्रमिला टोकस और धनवंती चंदेला जैसे अनुभवी नेताओं को मैदान में उतारा गया है. इसके अलावा पार्टी ने कुछ नए चेहरे भी उतारे हैं, जैसे अंजना पारचा और उत्तम नगर से विधायक नरेश बालियान की पत्नी पूजा बालियान. यह चुनाव AAP के लिए एक बड़ी परीक्षा साबित हो सकता है, क्योंकि पार्टी ने हमेशा महिलाओं को सशक्त बनाने का दावा किया है.
BJP और कांग्रेस की नई रणनीति
BJP ने रेखा गुप्ता, शिखा राय और प्रियंका गौतम जैसे प्रभावशाली चेहरों को मैदान में उतारा है. पार्टी का जोर उन निर्वाचन क्षेत्रों पर है, जहां महिलाओं का बड़ा मतदाता आधार है. वहीं, कांग्रेस ने अल्का लांबा, रागिनी नायक और अरीबा खान जैसे युवा और अनुभवी चेहरों को टिकट दिया है. कांग्रेस महिला उम्मीदवारों के जरिए खुद को प्रासंगिक बनाए रखने की कोशिश कर रही है.
महिलाओं का बढ़ता दबदबा, बदलेंगे चुनावी समीकरण?
विशेषज्ञ मानते हैं कि महिलाओं की बढ़ती भागीदारी चुनावी समीकरणों को बदल सकती है. महिला मतदाता अब विकास, सुरक्षा और शिक्षा जैसे मुद्दों पर मुखर हो रही हैं. ऐसे में महिला उम्मीदवारों का प्रदर्शन इन चुनावों में निर्णायक साबित हो सकता है. 5 फरवरी को मतदान और 8 फरवरी को परिणाम आने के बाद यह साफ हो जाएगा कि महिलाओं की भागीदारी ने दिल्ली की राजनीति पर कितना असर डाला.
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