Delhi Election 2025 : क्या आतिशी तोड़ पाएंगी महिला मुख्यमंत्री का मिथक? या जनता दोहराएगी 26 साल पुराना इतिहास?
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Delhi Election 2025 : क्या आतिशी तोड़ पाएंगी महिला मुख्यमंत्री का मिथक? या जनता दोहराएगी 26 साल पुराना इतिहास?

Delhi Election 2025 : दिल्ली चुनाव 2025 न केवल राजनीतिक समीकरणों को बदलने का मौका है, बल्कि यह यह तय करेगा कि महिला मुख्यमंत्री का मिथक टूटेगा या नहीं. आतिशी के लिए यह चुनाव एक चुनौती और अवसर दोनों है. यदि वह इस परीक्षा में सफल होती हैं, तो दिल्ली की राजनीति में एक नया अध्याय जुड़ जाएगा.

Delhi Election 2025 : क्या आतिशी तोड़ पाएंगी महिला मुख्यमंत्री का मिथक? या जनता दोहराएगी 26 साल पुराना इतिहास?

नई दिल्ली: दिल्ली में चुनावी माहौल अपने चरम पर है. 5 फरवरी 2025 को होने वाले विधानसभा चुनाव ने हर राजनीतिक पार्टी को सक्रिय कर दिया है. इस बार की चर्चा का केंद्र बिंदु 'महिला मुख्यमंत्री का मिथक' है. यह धारणा लंबे समय से बनी हुई है कि जब-जब दिल्ली में महिला मुख्यमंत्री बनी हैं, सत्ता परिवर्तन हुआ है. लेकिन क्या यह मिथक 2025 में भी लागू होगा या आतिशी इसे तोड़कर 26 साल बाद एक नया इतिहास रचेंगी.

1998 का ऐतिहासिक परिदृश्य
राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, 1998 में दिल्ली की राजनीति ने एक बड़ा मोड़ लिया था. उस समय बीजेपी की सत्ता थी और साहिब सिंह वर्मा मुख्यमंत्री थे. लेकिन चुनाव से कुछ समय पहले प्याज की बढ़ती कीमतों और पार्टी में गुटबाजी ने बीजेपी की स्थिति को कमजोर कर दिया. इन हालातों में बीजेपी ने सुषमा स्वराज को मुख्यमंत्री बनाकर आखिरी दांव खेला. सुषमा स्वराज की ईमानदार और प्रभावी छवि के बावजूद कांग्रेस ने शीला दीक्षित के नेतृत्व में भारी बहुमत से जीत हासिल की. शीला दीक्षित ने अपने शांत स्वभाव और विकास-केंद्रित एजेंडे के जरिए जनता का विश्वास जीता और 15 साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं. इस घटना ने महिला मुख्यमंत्री बनने और सत्ता परिवर्तन के मिथक को जन्म दिया.

2024: आतिशी का उदय
राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, 1998 में सुषमा स्वराज बनी थी और उन्होंने 52 दिन तक अपनी सरकार चलाई थी. 26 साल बाद दिल्ली में फिर ऐसा हुआ जब एक महिला को मुख्यमंत्री बनाया गया. उन्होंने आगे कहा कि सितंबर 2024 में आम आदमी पार्टी (आप) ने आतिशी को दिल्ली की मुख्यमंत्री बनाया. करीब आतिशी 5 महीनों से सरकार में है और शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए काम कर रही है. उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही कई नए सुधार कार्यक्रम शुरू किए. सबसे पहले महिला सुरक्षा, रोजगार और युवाओं के विकास को प्राथमिकता दी. हालांकि, दिल्ली में बीजेपी और कांग्रेस ने इसे एक मौका माना और जनता के बीच महिला मुख्यमंत्री के मिथक को उछालना शुरू कर दिया.

2025: प्रमुख मुद्दे और चुनौतियां
आगामी चुनाव में कई मुद्दे मुख्य भूमिका निभाएंगे

महंगाई और रोजगार
महंगाई और बेरोजगारी दिल्ली के आम लोगों के लिए प्रमुख समस्याएं बनी हुई हैं. आप सरकार ने इन मुद्दों से निपटने के लिए कई योजनाएं लागू की हैं, लेकिन विपक्ष इसे अपर्याप्त बता रहा है.

शिक्षा और स्वास्थ्य
पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली के सरकारी स्कूलों और अस्पतालों की स्थिति में व्यापक सुधार हुआ है. आतिशी के नेतृत्व में यह मुद्दा 'आप' के पक्ष में जा सकता है, क्योंकि उन्होंने इसे प्राथमिकता दी है.

महिला सुरक्षा और भागीदारी
आतिशी ने महिला सुरक्षा और रोजगार को विशेष ध्यान में रखा है. महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए विशेष योजनाएं लाई गई हैं. यह रणनीति उन्हें महिला और युवा वोटरों का समर्थन दिला सकती है.

क्या मिथक टूटेगा?
बीजेपी और कांग्रेस जो पिछले चुनावों में कमजोर साबित हुई थीं. इस बार गठबंधन और रणनीतिक प्रचार के जरिए आप को टक्कर देने की कोशिश कर रही हैं. महिला मुख्यमंत्री के मिथक को लेकर वे जनता में एक खास नैरेटिव तैयार कर रहे हैं. दूसरी ओर आतिशी और आप इस मिथक को तोड़ने के लिए अपने विकास कार्यों और योजनाओं का जोर-शोर से प्रचार कर रहे हैं. अगर जनता ने आतिशी के प्रयासों को सराहा, तो यह मिथक टूट सकता है.

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