Devkinandan Thakur: उन्नाव के रामलीला मैदान में राम कथा की शुरुआत करते हुए जाने-माने कथावाचक ठाकुर देवकीनंदन ने सनातन पर बड़ा संदेश दिया. उन्होंने ज़ी मीडिया से खास बातचीत में कहा कि इस समय बहू-बेटियों की रक्षा करना सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए.
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Devkinandan Thakur: उन्नाव के रामलीला मैदान में राम कथा की शुरुआत करते हुए जाने-माने कथावाचक ठाकुर देवकीनंदन ने सनातन पर बड़ा संदेश दिया. उन्होंने ज़ी मीडिया से खास बातचीत में कहा कि इस समय बहू-बेटियों की रक्षा करना सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए. उन्होंने भगवा-ए-हिंद की बात करते हुए कहा कि सनातन धर्म की रक्षा का यही एकमात्र मार्ग है, और अब इस दिशा में ठोस कदम उठाने का समय आ गया है.
अब सनातन बोर्ड भी होना चाहिए..
कथावाचक ठाकुर देवकीनंदन ने वक्फ बोर्ड के समकक्ष सनातन बोर्ड की स्थापना की भी मांग की. उन्होंने कहा, 'देश में वक्फ बोर्ड तो है ही, पर अब सनातन बोर्ड भी होना चाहिए. सनातन धर्म के संरक्षण और इसके अनुयायियों की रक्षा के लिए एक मजबूत संस्थान की आवश्यकता है.' इस अवसर पर उन्होंने दिल्ली में 16 नवंबर को होने वाले एक विशाल संत सम्मेलन का भी ऐलान किया, जिसमें सनातन बोर्ड का प्रस्ताव पास किए जाने की संभावना है.
यह धरती राम और कृष्ण की है..
राम कथा के उद्घाटन समारोह में ठाकुर ने सनातन धर्म को हर परिस्थिति में बचाने का संकल्प दोहराया. उन्होंने कहा, 'यह धरती राम और कृष्ण की है. सनातन धर्म पर होने वाले किसी भी आक्रमण का जवाब देने का संकल्प लेकर हमें आगे बढ़ना होगा. यह समय है कि हम अपने इतिहास से प्रेरणा लें और इस महान संस्कृति को सुरक्षित रखने के लिए ठोस कदम उठाएं.'
एकजुट होकर सनातन धर्म की रक्षा के लिए कार्य करें
रामलीला मैदान में अपने संबोधन में ठाकुर ने कहा, 'हमें अपने गौरवशाली इतिहास को जानना और उसे भावी पीढ़ियों तक पहुंचाना चाहिए. यही हमारी जिम्मेदारी है.' उन्होंने सनातन धर्म के अनुयायियों से अपील की कि वे किसी भी प्रकार के विभाजन से बचें और एकजुट होकर सनातन धर्म की रक्षा के लिए कार्य करें.
सनातन धर्म के पुनर्जागरण का साधन..
इस अवसर पर ठाकुर ने रामकथा को केवल धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि सनातन धर्म के पुनर्जागरण का एक साधन बताया. उन्होंने इसे एक नई शुरुआत बताते हुए कहा कि सनातन धर्म को मजबूती प्रदान करने के लिए यह कार्यक्रम विशेष रूप से आयोजित किया गया है, जिसका उद्देश्य देशभर के हिंदुओं को एकजुट करना और धर्म की रक्षा के लिए जागरूकता फैलाना है.
क्या कहा था धीरेंद्र शास्त्री ने
याद दिला दें कि हाल ही में कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री ने भी भगवा-ए-हिंद के मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया था. उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ कुछ लोग गजवा-ए-हिंद की बात कर रहे थे, वहीं हमने भगवा-ए-हिंद की बात उठाई है. धीरेंद्र शास्त्री 21 नवंबर से 160 किलोमीटर लंबी पदयात्रा शुरू करने जा रहे हैं, जिसमें वे जातिगत भेदभाव को समाप्त कर देशभर के हिंदुओं को एकजुट करने की अपील करेंगे.