ट्रंप की शपथ से पहले टूट रहे भारतीयों के सपने, कंपनियां रद्द कर रहीं जॉब ऑफर्स
Advertisement
trendingNow12600146

ट्रंप की शपथ से पहले टूट रहे भारतीयों के सपने, कंपनियां रद्द कर रहीं जॉब ऑफर्स

USA Job Visa: अमेरिका में नौकरी करने और पढ़ने के सपने पर कैंची चलने लगी है. कंपनियों ने भारतीयों के जॉब ऑफर कैंसिल करने शुरू कर दिए हैं.

ट्रंप की शपथ से पहले टूट रहे भारतीयों के सपने, कंपनियां रद्द कर रहीं जॉब ऑफर्स

H-1B Visa: डोनाल्‍ड ट्रंप 20 जनवरी को शपथ लेने वाले हैं लेकिन इससे पहले ही वे अपने कार्यकाल को लेकर नीतियां और घोषणाएं कर चुके हैं. इसमें वीजा नीति, अप्रवासियों के मुद्दे, दुनिया में चल रहे युद्ध समेत कई मसले शामिल हैं. ट्रंप हमेशा से अमेरिकियों के लिए रोजगार बढ़ाने और एच-1बी वीजा के दायरे को सीमित करने के पैरोकार रहे हैं. ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि ट्रंप पद संभालते ही एच-1बी वीजा नीतियों को सख्‍त करेंगे जिससे भारतीय समेत विभिन्‍न देशों के लोगों के लिए अमेरिका में नौकरी करना, वहां रहना मुश्किल हो जाएगा. इसे भांपते हुए कंपनियों ने अभी से लोगों के जॉब ऑफर्स कैंसिल करने शुरू कर दिए हैं. जबकि इस वीजा प्रोग्राम के जरिए विदेशी स्किल्ड वर्कर्स अमेरिकी कंपनियों में काम कर सकते हैं, लेकिन ट्रंप समर्थकों के बीच इस पॉलिसी पर बहस छिड़ी है.

यह भी पढ़ें: इस देश पर दस्‍तक दे रही महाप्रलय! आ गई खत्‍म होने की तारीख, निवासियों को...

पढ़ाई-नौकरी पर लटकी तलवार

जॉब ऑफर्स रद्द होने और अमेरिका में पढ़ाई को लेकर भारतीयों में अनिश्चितता का माहौल है. ट्रंप की वीजा नीति कई लोगों का सपना तोड़ सकती है क्‍योंकि H-1B वीजा प्रोग्राम ही अमेरिका में विदेशियों के लिए सबसे बड़ा अस्थायी वर्क वीजा है. यह एम्पलॉयर्स को "मेरिट और एबिलिटी" के आधार पर विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने की इजाजत देता है.

यह भी पढ़ें: नक्‍शा देखकर खुदाई की, बक्‍से में मिला प्राचीन खजाना, लग गया सोने का ढेर! वायरल हो रहा Video

इमिग्रेशन बढ़ने से नाराज हैं अमेरिकी

दरअसल, अमेरिका में इमिग्रेशन तेजी से बढ़ा है. अमेरिका में अप्रवासियों की बढ़ती आबादी कई अमेरिकी नागरिकों को रास नहीं आ रही है. चूंकि ट्रंप अमेरिका को महान बनाने और वहां के लोगों की मांग को ज्‍यादा तवज्‍जो देते हैं ऐसे में वे स्थानीय लोगों के हिसाब से नीतियां बनाने को प्रमुखता देंगे.

यह भी पढ़ें: हफ्ते में 3 दिन की छुट्टी लो, घर जाकर बच्‍चे पैदा करो...90 घंटे काम की बहस के बीच सरकार की नई योजना

ट्रंप अपने चुनाव अभियान में ही सख्त इमीग्रेशन पॉलिसी को लागू करने और अधिक अमेरिकियों को काम पर रखने का वादा कर चुके हैं. इससे भारतीयों के लिए सबसे ज्‍यादा मुश्किल पैदा हो गई है क्‍योंकि अमेरिकी में एच-1बी वीजा होल्डर्स में भारतीय ही सबसे ज्‍यादा 72 फीसदी हैं.

अमेरिका से पढ़ने का सपना अधर में

ट्रंप H-1B वीजा पर क्‍या फैसला लेंगे और इसे कितना सख्‍त करेंगे, इसमें छात्रों के लिए उनकी नीति होगी? ये वो सवाल हैं जो अमेरिका से पढ़ने का सपना देख रहे स्‍टूडेंट्स के लिए बड़े तनाव का कारण बने हुए हैं. उन्‍हें पता ही नहीं है कि उन्‍हें अमेरिका में पढ़ने के लिए H-1B वीजा मिल पाएगा या नहीं. अभी अमेरिका में ढाई लाख से ज्‍यादा भारतीय स्‍टूडेंट्स पढ़ रहे हैं.

वहीं नौकरीपेशा लोगों की बात करें तो आईटी क्षेत्र में सबसे ज्‍यादा भारतीय हैं. H-1B वीजा को लेकर सख्‍ती अमेरिका जाने वालों के लिए ही नहीं, बल्कि वहां पहले से रह रहे वर्कर्स के लिए भी समस्‍या पैदा करेगी. H-1B वीजा की नीतियां सख्‍त होने से उनकी नौकरियां जाने का खतरा पैदा हो जाएगा.

जॉब ऑफर रद्द

टीओआई के अनुसार, कई लोग ऐसे हैं जिन्‍हें कंपनियों ने ऑन साइट यानी कि अमेरिका जाकर नौकरी करने का जॉब ऑफर दिया था लेकिन अचानक अब उसे रद्द कर दिया है. भले ही कंपनी ने जॉब ऑफर कैंसिल करने के पीछे ट्रंप प्रशासन को वजह नहीं बताया है लेकिन इसका संबंध उससे है.

बता दें कि ट्रंप के करीबी और टेस्‍ला के मालिक एलन मस्‍क टैलेंट के आधार पर नौकरियां देने के पक्ष में रहे हैं. इसे लेकर उन्‍होंने हाल ही में X पर एक पोस्‍ट भी की थी. लेकिन जाहिर है आखिरी फैसला तो बतौर राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप को ही लेना है.

 

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news