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संभल में हरिहर मंदिर के सच की खोज में जब से खुदाई और सर्वे शुरु हुआ है. तब से वक्फ के नाम पर अतिक्रमण के सच का खुलासा हो रहा है. ताजा मामला संभल कोतवाली के ठीक सामने वाली मस्जिद का है. जिसकी इंतज़ामिया कमेटी बडे शातिराना ढंग से अतिक्रमण की हुई जमीन पर बनी 12 दुकानों से अवैध वसूली कर रही थी. मस्जिद कमेटी के किराये वाले खेल का कैसे पर्दाफाश हुआ, देखिए इस रिपोर्ट में.
संभल के हरिहर मंदिर के संपूर्ण सच की तलाश में जब से खुदाई, सर्वे और पैमाइश शुरु हुई है. तब से सनातन के सबूत एक-एक कर प्रकट हो रहे हैं. और वक्फ के नाम पर अतिक्रमण के सच का खुलासा भी हो रहा है. ताजा मामला संभल कोतवाली के ठीक सामने वाली मस्जिद का है.
जहां अतिक्रमण, अवैध वसूली का भंडाफोड हुआ है और इस खुलासे में सबसे अहम है मस्जिद कमेटी का अवैध दुकानों से किराया वसूलना. मतलब जमीन सरकार की, सड़क नगर प्रशासन की लेकिन अतिक्रमण कर, सालों से नाजायज़ किराया वसूलती मस्जिद कमेटी.
अतिक्रमण कर बनाई गई ये दुकानें अकर्म कूप से महज 10 मीटर की दूरी पर हैं. अकर्म मोचन कूप के पास बनी 12 दुकानों को चिन्हित कर खाली करने का नोटिस दिया गया है. इन अवैध दुकानों का किराया सालों से मस्जिद कमेटी वसूल रही थी. प्रशासन ने 14 जनवरी तक इन दुकानों के दस्वातवेज़ पेश करने का वक्त दिया है. इस बीच संभल वक्फ विकास निगम के निदेशक ने संभल में वक्त के अवैध कब्जे की जांच किए जाने की बात कही है. मतलब संभल में अब सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने की खैर नहीं है.
बाबा के बुलडोजर का डर, अकर्म मोचन कूप के पास अवैध कब्जाधारियों को पसीना छुड़ा रहा है. प्रशासन ने सभी 12 दुकानदारों को दस्तावेज दिखाने के लिए, 14 जनवरी तक का वक्त दिया है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर इन अवैध दुकानों से मस्जिद कमेटी क्यों और कैसे किराया वसूल रही थी. क्या मस्जिद कमेटी, संभल में जमीन के अवैध कब्जे की किसी साजिश का हिस्सा तो नहीं है? इसका जवाब जांच से ही सामने आएगा.