Fire Crackers Ban in Delhi: सुप्रीम कोर्ट देश भर में खतरनाक रसायनों के इस्तेमाल वाले पटाखों पर रोक की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा था कि राजधानी में पटाखों पर पूरी तरह से बैन और आने वाले त्योहारों के मद्देनजर उसका क्या प्लान है.
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सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में बैन के बावजूद पटाखों के इस्तेमाल पर चिंता जाहिर की है. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा है कि पटाखे चलाने वाले लोगों पर सिर्फ कार्रवाई ही काफी नहीं है. पुलिस को वो जरिया भी पता करना होगा, जहां से पटाखे राजधानी में पहुंच रहे हैं. उन पर भी एक्शन लेना होगा. कोर्ट ने कहा कि पुलिस को शुरुआत में ही एक्शन लेना होगा. पटाखे छोड़े जाने के बाद कार्रवाई करने का कोई फायदा नहीं है. कोर्ट ने पुलिस से कहा है कि चूंकि राजधानी में पटाखों पर पूरी तरह से बैन है, इसलिए पुलिस अस्थायी लाइसेंस भी जारी न करें.
कोर्ट ने पुलिस से प्लान पूछा था
सुप्रीम कोर्ट देश भर में खतरनाक रसायनों के इस्तेमाल वाले पटाखों पर रोक की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा था कि राजधानी में पटाखों पर पूरी तरह से बैन और आने वाले त्योहारों के मद्देनजर उसका क्या प्लान है.
दिल्ली पुलिस की तैयारी पर ASG का जवाब
ASG ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने एक्शन प्लान तैयार किया है. इस प्लान के तहत जहां एक ओर थानेवार टीम गठित की जाएगी. वहीं मार्केट में औचक निरीक्षण के लिए विशेष दस्ते बनाए जाएंगे. ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट को बताया कि 2016 के बाद पटाखों की बिक्री को लेकर कोई परमानेंट लाइसेंस जारी नहीं किया गया है. ग्रीन क्रैकर्स के लिए ही अस्थायी लाइसेंस जारी किया गया है. और ये लाइसेंस भी सस्पेंड कर दिए जाते हैं, जैसे ही सरकार पटाखों पर पूरी तरह से बैन लगाती है
'अस्थायी लाइसेंस भी जारी मत करें पुलिस'
इस पर कोर्ट ने कहा कि जब दिल्ली सरकार ने पटाखों पर बैन लगाया है तो इसका मतलब पूरी तरह से बैन है. फिर पटाखे ग्रीन पटाखे हैं या कोई और, उससे फर्क नहीं पड़ता है. ऐसी स्थिति में सब तरह के पटाखे बैन हैं. आप अस्थायी लाइसेंस भी जारी मत कीजिए.
कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
बहरहाल सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले पर पटाखों पर बैन के समर्थक याचिकाकर्ताओं, पटाखा निर्माता कंपनियों और सरकार का पक्ष सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. सरकार ने कोर्ट के सामने ग्रीन पटाखों की क्वालिटी सुनिश्चित करने और हानिकारक पटाखों पर रोक को अमल में लाने के लिए मिकैनिजम पेश किया है. कोर्ट को उस पर अपना रुख तय करना है.