India-Nepal Relations: भारत और नेपाल के रिश्ते कैसे हैं? कोई पूछे तो इन दोस्तों की तस्वीर दिखा देना, ये कहानी दिल तक पहुंचेगी
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India-Nepal Relations: भारत और नेपाल के रिश्ते कैसे हैं? कोई पूछे तो इन दोस्तों की तस्वीर दिखा देना, ये कहानी दिल तक पहुंचेगी

India-Nepal Relations: हाल ही में नेपाल के सलझंडी में भारत और नेपाल की सेनाओं के बीच 'सूर्य किरण' अभ्यास आयोजित किया गया. इस अभ्यास में दोनों देशों के सैनिकों ने साथ मिलकर प्रशिक्षण लिया. इस दौरान एक अनोखी मुलाकात हुई.. जिसने इस अभ्यास को खास बना दिया.

India-Nepal Relations: भारत और नेपाल के रिश्ते कैसे हैं? कोई पूछे तो इन दोस्तों की तस्वीर दिखा देना, ये कहानी दिल तक पहुंचेगी

India-Nepal Relations: भारत और नेपाल का रिश्ता सदियों पुराना है. यह सिर्फ पड़ोसी देशों का नहीं बल्कि एक परिवार का रिश्ता है. भगवान श्री राम और मां सीता की कहानी इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. नेपाल के जनकपुर शहर के राजा जनक, माता सीता के पिता और भगवान राम की ससुराल के राजा थे. त्रेता युग से शुरू हुई यह कहानी आज भी दोनों देशों के गहरे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जुड़ाव को दर्शाती है. लेकिन यह जुड़ाव सिर्फ पौराणिक कथाओं तक सीमित नहीं है. 21वीं सदी में भी भारत और नेपाल के रिश्तों की ऐसी कहानियां हैं, जो दिल को छू जाती हैं. ऐसी ही एक कहानी हम आपके लिए लेकर आए हैं. यह कहानी दो बहादुर सैनिकों की है.. जो अलग-अलग देशों की सेनाओं में सेवा कर रहे हैं, लेकिन उनकी जड़ें एक ही गांव से जुड़ी हैं.

दोस्ती और भाईचारे की मिसाल

हाल ही में नेपाल के सलझंडी में भारत और नेपाल की सेनाओं के बीच 'सूर्य किरण' अभ्यास आयोजित किया गया. इस अभ्यास में दोनों देशों के सैनिकों ने साथ मिलकर प्रशिक्षण लिया. इस दौरान एक अनोखी मुलाकात हुई.. जिसने इस अभ्यास को खास बना दिया. दो सैनिक.. एक भारतीय सेना में और दूसरा नेपाली सेना में, दोनों एक ही गांव के हैं. वे बचपन में साथ खेले, साथ बड़े हुए और अब अलग-अलग सेनाओं में अपने-अपने देश की सेवा कर रहे हैं. उनकी यह मुलाकात दर्शाती है कि भले ही वे अलग-अलग वर्दी पहनते हों, लेकिन उनकी दोस्ती और भाईचारा सीमाओं से परे है.

भारत-नेपाल के रिश्तों की गहराई

भारत और नेपाल का रिश्ता सिर्फ भौगोलिक सीमा तक सीमित नहीं है. दोनों देशों का साझा इतिहास, संस्कृति और परंपराएं इसे और मजबूत बनाते हैं. नेपाल की राजधानी काठमांडू में स्थित पशुपतिनाथ मंदिर हो या भारत का अयोध्या.. दोनों देशों के धार्मिक स्थलों का महत्व दोनों के लिए समान है. इतना ही नहीं, भारत और नेपाल के बीच 'रोटी-बेटी का रिश्ता' भी है. यह कहावत इस बात को दर्शाती है कि दोनों देशों के बीच न केवल व्यापारिक, बल्कि पारिवारिक संबंध भी हैं. नेपाल के लोग भारत में आसानी से आ-जा सकते हैं और भारतीयों के लिए भी नेपाल जाना बेहद सरल है.

दोनों देशों की सेनाओं का अटूट रिश्ता

भारत और नेपाल की सेनाओं के बीच भी गहरा रिश्ता है. भारतीय सेना में बड़ी संख्या में नेपाली गोरखा सैनिक सेवा करते हैं. गोरखा रेजिमेंट भारतीय सेना की शान मानी जाती है. वहीं, नेपाली सेना में भी भारत के प्रति गहरा सम्मान है. सूर्य किरण अभ्यास जैसे कार्यक्रम न केवल दोनों देशों की सेनाओं को करीब लाते हैं. बल्कि यह दिखाते हैं कि सीमा चाहे जो भी हो, दोस्ती और भाईचारा इसे पार कर सकता है.

दो देश एक परिवार की कहानी

दो सैनिकों की यह कहानी भारत और नेपाल के रिश्तों की असली तस्वीर पेश करती है. यह सिर्फ दो देशों का रिश्ता नहीं बल्कि एक परिवार का जुड़ाव है. साझा इतिहास, संस्कृति और मूल्यों के साथ, भारत और नेपाल ने हमेशा एक-दूसरे का साथ दिया है. भारत और नेपाल के रिश्ते इतिहास, संस्कृति और परंपराओं से जुड़े हैं. लेकिन इन रिश्तों को असली मजबूती इंसानी जुड़ाव से मिलती है. चाहे वह सूर्य किरण अभ्यास हो या दो सैनिकों की दिल को छू लेने वाली कहानी, यह दिखाता है कि भारत और नेपाल सिर्फ दो देश नहीं, बल्कि एक परिवार हैं.

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