Expired saline: कोलकाता में प्रसव के बाद एक महिला की मौत हो गई और तीन की हालत गंभीर है. आरोप है कि इन महिलाओं को एक्सपायर रिंगर लैक्टेट सलाइन चढ़ा दी गई थी. आइए जानते हैं क्या रिंगर लैक्टेट? किस काम में होता है उपयोग. क्यों पश्चिम बंगाल के कोलकाता के मिदनापुर मेडिकल कॉलेज में मचा है बवाल.
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Midnapore saline death case: पश्चिम बंगाल के कोलकाता के मिदनापुर मेडिकल कॉलेज (MMC) में बच्चें को जन्म देने के बाद एक महिला की मौत के बाद, तीन और महिलाओं की हालत गंभीर है. इन महिलाओं को भी C-सेक्शन डिलीवरी के बाद संभवतः एक्सपायर्ड रिंगर लैक्टेट सलाइन दिया गया था. सरकारी मेदनीपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एमएमसीएच) में पिछले हफ्ते कथित तौर पर एक्सपायर्ड रिंगर लैक्टेट दिए जाने के बाद बीमार पड़ी पांच में से एक महिला की नवजात की गुरुवार को मौत हो गई. पिछले सप्ताह पांच महिलाओं में से एक, मामोनी रुइदास, की उसी अस्पताल में मृत्यु हो गई थी.
चार में एक महिला की मौत
गुरुवार को अन्य चार जीवित महिलाओं में से एक, रेखा शॉ, की नवजात की कोलकाता के सरकारी मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई. चार में से तीन महिलाओं की हालत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. बता दें कि जन्म के तुरंत बाद बच्चे को भी उसी अस्पताल में रखा गया था. रेखा की सास, पुष्पा शॉ, ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा, “हमें बच्चे को जन्म के बाद सिर्फ एक बार दिखाया गया था और तब से उसे अलग-थलग रखा गया था. अब हमें बताया गया है कि बच्चे की मौत हो गई है.''
सीबीआई से जांच कराने की मांग
बुधवार को, पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने मांग की कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) जैसी केंद्रीय एजेंसियों को मामले की चल रही जांच में शामिल किया जाए. आपको बता दें कि पिछले हफ्ते, पश्चिम मेदिनापुर जिले के उक्त सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कथित तौर पर एक्सपायर्ड रिंगर लैक्टेट दिए जाने के बाद पांच महिलाएं बीमार पड़ गई थीं, जिसमें से रुइदास की पिछले शुक्रवार को मौत हो गई थी. वहीं अन्य चार को उसी अस्पताल में रखा गया था. हालांकि, बाद में हालत बिगड़ने के बाद उन्हें कोलकाता के सरकारी एसएसकेएम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ले जाया गया.
बंगाल में मचा कोहराम?
इस घटना ने गंभीर चिंताएं पैदा कर दीं. एक्सपायर्ड आरएल सलाइन कथित तौर पर पश्चिम बंगाल फार्मास्युटिकल लिमिटेड से आई थी, जो पहले से ही कर्नाटक सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रतिबंधित थी. सबसे पहले, राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षक-सह-उप-प्रिंसिपलों और जिलों के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे कंपाउंड सोडियम लैक्टेट इंजेक्शन (आरएल) के मौजूदा स्टॉक को पूरी तरह से रोक दें.'' बाद में, राज्य सरकार ने राज्य की सभी स्वास्थ्य सेवा संस्थाओं से उक्त कंपनी द्वारा आपूर्ति की गई सभी दवाओं के स्टॉक को हटाने का भी निर्देश दिया.
अब जानते हैं आखिर क्या होता है रिंगर लैक्टेट?
रिंगर लैकेट आर इन्जेक्शन का इस्तेमाल शॉर्ट-टर्म फ्लूइड रिप्लेसमेंट और डिहाइड्रेशन के लिए किया जाता है. इसमें चार दवाएं शामिल हैं जिनमें सोडियम क्लोराइड, सोडियम लैक्टेट, पोटेशियम क्लोराइड और कैल्शियम क्लोराइड आते हैं जो शरीर में फ्लूइड की कमी की भरपाई करने में मदद करते हैं. लैक्टेटेड रिंगर इंजेक्शन का उपयोग कम रक्त मात्रा या कम रक्तचाप वाले रोगियों में पानी और इलेक्ट्रोलाइट की कमी को पूरा करने के लिए किया जाता है. इसके उपयोग से शरीर के पीएच स्तर बढ़ाता है. इनपुट आईएएनएस से भी