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Indian Medical Students Protest: चीन में कोरोना महामारी विकराल रूप ले रहा है. ऐसे में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने स्टूडेंट्स को पिछले महीने आगाह किया था कि चीन की यूनिवर्सिटीज से ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे भारतीय स्टूडेंट्स की डिग्री मान्य नहीं होगी. ऐसे में अब चीन की प्रतिष्ठित यूनीवर्सिटीज में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे कई भारतीय स्टूडेंट्स संकट और असमंजस की स्थिति का सामना कर रहे हैं. ऐसे में इन मेडिकल स्टूडेंट्स ने पैरेंट्स के साथ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया.
चीन में बीते करीब 2 महीने से कोरोना के मामले एक बार फिर तेज़ी से बढ़ रहे हैं. लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए चीन ने अपने देश में फिर से प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिए हैं. स्कूल , कॉलेजेस और यूनिवर्सिटीज को फिर से ऑनलाइन मोड में ही चलाया जा रहा है. इस वजह से अब चीन में पढ़ने वाले भारतीय स्टूडेंट्स की मुसीबतें बढ़ गई हैं. दरसअल चीन की कई यूनिवर्सिटीज में हजारों की संख्या में भारतीय स्टूडेंट्स पढाई करते हैं. इनमें भी मेडिकल के स्टूडेंट्स की संख्या सबसे ज्यादा है.
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पिछले करीब 2 साल से इन स्टूडेंट्स की क्लासेस ऑनलाइन चल रही थी, जो कोरोना के बढ़ने की वजह से अब फिर से ऑनलाइन मोड में ही कंटीन्यू होगी. ऐसे में ऑनलाइन मोड में पढ़ाई कर रहे भारतीय स्टूडेंट्स या अब नए सेशन में एडमिशन की इच्छा रखने वाले छात्रों को UGC ने आगाह करते हुए पिछले महीने चेतावनी जारी की थी कि जो छात्र अपनी पढ़ाई चीन की यूनिवर्सिटीज से कंटीन्यू कर रहे हैं, उन्हें मान्यता नही मिल सकेगी क्योंकि वे ऑनलाइन ही पढ़ रहे हैं और उनके प्रैक्टिकल नही हो पा रहे हैं.
UGC या नेशनल मेडिकल काउंसिल (NMC) अपने नियमों के तहत उन स्टूडेंट्स की मेडिकल डिग्री को मान्यता नही देता है जो ऑनलाइन मोड में हुई हो और इसलिए आज दिल्ली-एनसीआर के कई छात्र और छात्राएं राजधानी के जंतर मंतर पर प्रोटेस्ट में शामिल हुए और उन्होंने ये मांग की ,कि उन्हें अगर चीन नही वापस नही बुला रहा तो उन्हें भारत में ही NMC प्रैक्टिस करने की अनुमति दे.
फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स पेरेंट्स एसोसिएशन के जॉइंट सेक्रेटरी सागीर बताते हैं कि कोरोना संकट और उस दौरान देशभर के करीब 20 से 22 हजार ऐसे छात्र हैं, जो अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए वापस नहीं जा सके हैं. ऐसे में ये हजारों स्टूडेंट्स और उनके अभिभावक परेशान हैं कि लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी इन्हें भारत मे मान्यता नही मिलेगी तो इनका भविष्य खराब हो जाएगा. ऐसे में अगर NMC इन्हें यहां भारत के कॉलेजेस में ही प्रोटेस्ट करने का अवसर दे दें तो शायद अधर में अटका इनका भविष्य बन सकता है.
फिलहाल ये स्टूडेंट्स और इनके अभिभावक महीनों से विदेश मंत्रालय से और सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाकर अपने भविष्य को खराब होने से बचाने के लिये प्रोटेस्ट कर रहे हैं और अगर इनकी बातों को नही सुना गया और इन्हें सरकार से कोई जवाब नही मिला तो अगले महीने मई में ये लोग पैन इंडिया में केंद्र सरकार के खिलाफ एक बड़ा प्रदर्शन करेंगे.
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