Udaipur Royal Family Dispute: राजस्थान के उदयपुर का सिटी पैलेस सोमवार रात तक छावनी में बदल गया. महल के बाहर भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात है. दरअसल, मेवाड़ के 77वें महाराणा के रूप में पूर्व राजपरिवार के सदस्य और बीजेपी विधायक विश्वराज सिंह की सोमवार को ताजपोशी हुई. उन्हें चित्तौड़गढ़ किले में परिवार के मुखिया की गद्दी पर बैठाने की रस्म निभाई गई. इसके बाद, सिंह और उनके समर्थक सिटी पैलेस पहुंचे लेकिन उन्हें अंदर जाने नहीं दिया गया. समर्थकों ने बैरिकेड फांदने की कोशिश की तो सिटी पैलेस के भीतर से पथराव हुआ. मौके पर डीएम-एसपी पहुंच गए. तनाव बरकरार है. उदयपुर सिटी पैलेस के बाहर चल रहे बवाल की पूरी कहानी, 5 प्वाइंट्स में.
- गद्दी पर बैठे विश्वराज: विश्वराज सिंह, मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य हैं.वह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक भी हैं. सोमवार को चित्तौड़गढ़ किले में आयोजित एक कार्यक्रम में विश्वराज सिंह को मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के मुखिया की गद्दी पर बैठाने की रस्म निभाई गई. विश्वराज के पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ का इस महीने के शुरू में निधन हो गया था. विश्वराज को गद्दी पर बैठाने का ‘दस्तूर’ (रस्म) कार्यक्रम चित्तौड़गढ़ किले के फतहप्रकाश महल में आयोजित किया गया था और इसमें कई राज परिवारों के प्रमुख शामिल हुए थे. हालांकि महेंद्र सिंह और उनके अलग हुए छोटे भाई अरविंद सिंह मेवाड़ के बीच चल रहे विवाद के कारण यह कार्यक्रम फीका ही रहा.
- चाचा से विवाद: अरविंद सिंह ने दस्तूर कार्यक्रम के तहत विश्वराज के एकलिंग नाथ मंदिर और उदयपुर में सिटी पैलेस में जाने के खिलाफ सार्वजनिक नोटिस जारी किया है. मेवाड़ परिवार गौरवशाली शासक महाराणा प्रताप का वंशज है. मंदिर और महल दोनों ही अरविंद के नियंत्रण में हैं जो उदयपुर में श्री एकलिंग जी ट्रस्ट के अध्यक्ष और प्रबंध न्यासी हैं. उनके वकील की तरफ से अखबारों में दिये गये दो सार्वजनिक नोटिस में आरोप लगाया गया कि समारोह के नाम पर 'आपराधिक अतिचार' करने का प्रयास किया जा रहा है और अनधिकृत व्यक्तियों का मंदिर और सिटी पैलेस में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा.
- सोमवार का बवाल: नोटिस के बाद, कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सिटी पैलेस के गेट के बाहर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. नोटिस में यह भी कहा गया है कि मंदिर ट्रस्ट ने ट्रस्ट द्वारा अधिकृत व्यक्तियों को ही प्रवेश देने का फैसला किया है. सिटी पैलेस में प्रवेश के लिए भी इसी तरह का नोटिस जारी किया गया था. इन नोटिस में वकील ने कहा है कि जबरन प्रवेश या किसी भी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए कानूनी कार्रवाई की जाएगी. चित्तौड़गढ़ किले में कार्यक्रम के बाद विश्वराज और उनके समर्थक शाम को सिटी पैलेस में स्थित एक जगह और एकलिंगनाथजी मंदिर में दर्शन करने के लिए उदयपुर पहुंचे. लेकिन भारी पुलिस बल की तैनाती के कारण वे अंदर प्रवेश नहीं कर सके. उनके समर्थकों ने बैरिकेडिंग लांघने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया.
- बातचीत जारी: जिला प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने विश्वराज और उनके समर्थकों से बातचीत कर मामले को सुलझाने की कोशिश की, लेकिन बातचीत बेनतीजा रही. उदयपुर के जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल और पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल भी सिटी पैलेस के गेट पर मौजूद थे. उन्होंने मामले को सुलझाने के लिए विश्वराज और उसके बाद अरविंद सिंह मेवाड़ के बेटे से बात की. हालांकि, सिंह को प्रवेश नहीं दिया गया और वह सिटी पैलेस से कुछ मीटर दूर जगदीश चौक पर बैठे हैं. इस बीच, विश्वराज सिंह के कई समर्थक उनके समर्थन में जगदीश चौक पर जमा हुए.
- अभी क्या स्थिति है: सिटी पैलेस के बाहर भारी पुलिस बल तैनात है. मौजूदा हालात को देखते हुए, स्थानीय प्रशासन ने सिटी पैलेस में बड़ी पोल से धूणी व जनाना महल तक के विवादित क्षेत्र को अपने कब्जे में ले लिया है. घंटाघर थाना अधिकारी को रिसीवर नियुक्त किया गया है. धूणी सिटी पैलेस में वह जगह है जहां विश्वराज को दर्शन के लिए जाना है. उदयपुर के जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने कहा, 'कानून व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. महल के प्रतिनिधियों के साथ-साथ समाज के प्रतिनिधियों से भी बातचीत चल रही है. हम कुछ मुद्दों पर सहमत हो गए हैं, जबकि कुछ अन्य पर बातचीत अभी भी जारी है... अगर दोनों में से कोई भी समूह मामला दर्ज कराना चाहता है, तो मुकदमा दर्ज किया जाएगा...' (भाषा इनपुट)