Karnataka: ISIS टेरर मॉड्यूल केस को लेकर चौंकाने वाले खुलासे, पुलिस ने परत दर परत खोले राज
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Karnataka: ISIS टेरर मॉड्यूल केस को लेकर चौंकाने वाले खुलासे, पुलिस ने परत दर परत खोले राज

ISIS Module: कर्नाटक में आतंकी संगठन आईएसआईएस की विचारधारा से प्रेरित और देशद्रोह से जुड़ी गतिविधियों में शामिल आरोपियों पर बड़ा एक्शन हुआ है. पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने देश की एकता, सुरक्षा और संप्रभुता को भंग करने के लिए बाकायदा एक साजिश रची थी.

Karnataka: ISIS टेरर मॉड्यूल केस को लेकर चौंकाने वाले खुलासे, पुलिस ने परत दर परत खोले राज

Karnataka ISIS Module: कर्नाटक राज्य में ISIS टेरर मॉड्यूल केस को लेकर शिवमोगा (Shivamogga) जिले के SP ने चौंका देने वाले खुलासे किए हैं. सिटी के पुलिस अधीक्षक लक्ष्मी प्रसाद के मुताबिक इस केस में गिरफ्तार किए गए दोनों युवक हाइली रेडिक्लाइस्ड थे. जो इस सिद्धांत पर चल रहे थे अंग्रेजों से जो आजादी मिली थी वो असली आज़ादी नहीं है, असली आजादी तभी मिलेगी जब भारत में शरिया लॉ लागू होगा.

आरोपियों को मिली बम धमाके करने की ट्रेनिंग

पुलिस के मुताबिक इस केस में अब तक फरार मुख्य आरोपी शारीक ने जबीउल्लाह को तैयार किया. अपने मकसद को पूरा करने के लिए इन्होंने प्रायोगिक तौर पर बम धमाके की ट्रेनिंग ली थी. इसके लिए आरोपियों ने अमेजॉन से टाइमर और बम बनाने का बाकी सामान खरीदने के बाद कुछ धमाकों को अंजाम दिया था.

कैसे हुई गिरफ्तारी?

दरअसल 15 अगस्त को वीर सावरकर को लेकर हुए एक पोस्टर विवाद के बाद शिवमोग्गा में जमकर बवाल हुआ था. इसी दौरान एक हिंदू युवक प्रेम सिंह पर चाकू से जान लेवा हमला हुआ था. इस मामले में जिसे की ग्रामीण पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, शारिक नाम के एक शख्स की भूमिका का खुलासा हुआ, और फिर उससे उसके सहयोगी माज़ और यासीन का नाम सामने आया. माज़ और शारिक 2020 में मेंगलुरु ग्रैफिटी मामले में अरेस्ट होने के बाद जेल गए थे.

देश विरोधी गतिविधियों में थे शामिल

पुलिस के मुताबिक बेल पर छूटने के इन्होंने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) की आतंकी गतिविधियों को आगे बढ़ाने का फैसला किया. आरोपियों ने देश की एकता, सुरक्षा और संप्रभुता को भंग करने के लिए एक साजिश रची.

धमाके करने के लिए सामान जुटाना शुरू किया और क्रिप्टो करेंसी से पेमेंट किया, पुलिस की जांच में ये बात भी सामने आई कि इन लोगों ने 
भारत के राष्ट्रीय ध्वज को भी जलाया था. 

इस तरह जुड़े आरोपी

सैयद यासीन पीयूसी की पढ़ाई कर रहा था जब उसकी मुलाकात माज़ मुनीर अहमद से हुई, जो उसके साथ पढ़ रहा था, माज़ मुनीर अहमद के माध्यम से यासीन शारिक से परिचित हो गया. इसके बाद जब भी यासीन माज़ से मिला वो और शारिक, यासीन से जिहाद की बात करते थे. फिर
शारिक ने जिहाद से जुड़ी फ़ाइलें, वीडियो/ऑडियो और उनके चरमपंथ, कट्टरवाद, आईएसआईएस के कार्यों और अन्य आतंक से संबंधित लिंक
यासीन को टेलीग्राम, सिग्नल, इंस्टाग्राम, वायर, एलीमेंट आदि जैसे मैसेंजर ऐप के माध्यम से भेजना शुरू कर दिए और उसे अपने जैसा बना लिया.

ये सामान हुआ बरामद

मामले की जांच को आगे बढ़ाते हुए जब तीनों आरोपियों और उनके रिश्तेदारों के घरों समेत शिवमोग्गा, मंगलुरु और तीर्थहल्ली में 11 जगहों पर एक साथ तलाशी अभियान चलाया गया तो 14 मोबाइल और 1 डोंगल के साथ 2 लैपटॉप, 1 पेन ड्राइव और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स बरामद हुए. इसी दौरान आरोपियों के पास से सुरक्षा जांच एजेंसियों को आधा जला राष्ट्रीय ध्वज समेत कुछ भड़काऊ दस्तावेज बरामद हुए हैं.

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