Kashmiri Pandits: कश्मीरी पंडितों के हक की नई जंग.. अनुच्छेद 370 के बाद भी अधूरी है ये लड़ाई, सरकार से की बड़ी मांग
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Kashmiri Pandits: कश्मीरी पंडितों के हक की नई जंग.. अनुच्छेद 370 के बाद भी अधूरी है ये लड़ाई, सरकार से की बड़ी मांग

Kashmiri Pandits News: अखिल भारतीय कश्मीरी समाज (AIKS) ने केंद्र सरकार के सामने कश्मीरी पंडितों के लिए एक बड़ी मांग रखी है. संगठन ने सोमवार को नई दिल्ली में अल्पसंख्यक और संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू से मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा.

Kashmiri Pandits: कश्मीरी पंडितों के हक की नई जंग.. अनुच्छेद 370 के बाद भी अधूरी है ये लड़ाई, सरकार से की बड़ी मांग

Kashmiri Pandits News: अखिल भारतीय कश्मीरी समाज (AIKS) ने केंद्र सरकार के सामने कश्मीरी पंडितों के लिए एक बड़ी मांग रखी है. संगठन ने सोमवार को नई दिल्ली में अल्पसंख्यक और संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू से मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा. इस मुलाकात में संगठन ने जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक आयोग गठित करने और कश्मीरी पंडितों को आधिकारिक रूप से अल्पसंख्यक दर्जा देने की मांग की.

मंत्री किरेन रिजिजू ने क्या कहा?

AIKS के अध्यक्ष रविंदर पंडिता के अनुसार मंत्री ने इस मुद्दे पर चर्चा की और कहा कि यह विडंबना है कि कश्मीरी हिंदू जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक हैं. लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर बहुसंख्यक समुदाय का हिस्सा माने जाते हैं. यह स्थिति अन्य कुछ राज्यों में भी देखने को मिलती है. रिजिजू ने कहा कि यह एक संवेदनशील मामला है और सरकार इस पर विचार कर रही है.

अल्पसंख्यक आयोग के गठन की मांग

AIKS ने मंत्री को इस तथ्य से अवगत कराया कि जम्मू-कश्मीर में अब तक कोई अल्पसंख्यक आयोग नहीं है. जबकि अन्य राज्यों में ऐसे आयोग मौजूद हैं. संगठन ने सुप्रीम कोर्ट के 2018 के निर्देशों और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि कश्मीरी पंडितों के अधिकारों की रक्षा के लिए यह कदम बेहद जरूरी है.

अनुच्छेद 370 हटने के बाद बढ़ी उम्मीदें

रविंदर पंडिता ने इस बात पर जोर दिया कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने और जम्मू-कश्मीर के पूर्ण एकीकरण के बाद यह मुद्दा और भी महत्वपूर्ण हो गया है. उन्होंने कहा कि अब केंद्र सरकार के पास सभी अधिकार हैं कि वह राज्य में रहने वाले अल्पसंख्यकों के लिए विशेष प्रावधान करे.

POK में शारदा पीठ खोलने की मांग

AIKS ने अपनी बैठक में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में स्थित ऐतिहासिक शारदा पीठ को फिर से खोलने की मांग भी उठाई. संगठन ने कहा कि जिस तरह करतारपुर कॉरिडोर के जरिए सिख श्रद्धालुओं के लिए गुरुद्वारे के दर्शन की सुविधा दी गई.. उसी तरह शारदा पीठ को भी खोला जाए. जिससे कश्मीरी हिंदू समुदाय वहां जाकर अपनी परंपराओं को निभा सके.

सरकार से आगे की बातचीत की योजना

इस बैठक के दौरान मंत्री किरेन रिजिजू ने प्रतिनिधिमंडल को सुझाव दिया कि इस मामले को और व्यापक रूप में उठाने के लिए एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल सरकार से मुलाकात करे. उन्होंने आश्वासन दिया कि वह गृह मंत्रालय के साथ इस विषय पर चर्चा करने के लिए एक बैठक आयोजित करने की सुविधा प्रदान करेंगे.

क्या मिलेगी कश्मीरी पंडितों को राहत?

AIKS की यह पहल कश्मीरी पंडितों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकती है, लेकिन सरकार की तरफ से अब तक कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है. यह देखना होगा कि आने वाले समय में केंद्र सरकार इस मांग पर क्या निर्णय लेती है.

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