पहले कर दिया खुश, अब मोड़ लिया मुंह, इस राज्य में 50% कटी अल्पसंख्यक छात्रों की स्कॉलरशिप?
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पहले कर दिया खुश, अब मोड़ लिया मुंह, इस राज्य में 50% कटी अल्पसंख्यक छात्रों की स्कॉलरशिप?

Kerala Cuts Minority Scholarship: केरल में छात्रवृत्ति पा रहे अल्पसंख्यक छात्रों की स्कॉलरशिप में कटौती कर दी गई है. इससे कई स्कॉलरशिप प्रोग्राम प्रभावित हुए हैं. सरकार के इस फैसले से छात्रों की शिक्षा अधर में लटक गई है. 

पहले कर दिया खुश, अब मोड़ लिया मुंह, इस राज्य में 50% कटी अल्पसंख्यक छात्रों की स्कॉलरशिप?

Kerala Cuts Minority Scholarship: केरल सरकार राज्य में अल्पसंख्यकों को दी जा रही स्कॉलरशिप में 50 प्रतिशत कटौती करने वाली है. सरकार ने वित्तीय संकट का हवाला देते हुए यह फैसला लिया है, जिसके बाद से हजारों छात्रों की शिक्षा अधर में लटक गई है.

आधी हुई स्कॉलरशिप की रकम 
सरकार के इस फैसले से अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की ओर से शुरु किए गए 11 में से 9 स्कॉलरशिप प्रोग्राम प्रभावित होंगे. इसके लिए 13.6 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे. इसमें प्रोफेसर जोसेफ मुंडासेरी स्कॉलरशिप अधिक प्रभावित हुई है. इस स्कॉलरशिप लिए इस साल 5.2 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया था. प्रोफेसर जोसेफ मुंडासेरी स्कॉलरशिप के जरिए 10वीं में A+ स्कोर करने वाले मुस्लिम, जैन, सिख और पारसी समुदाय के छात्रों को 10,000 की धनराशि दी जाती थी. साथ ही हायर सेकेंडरी में 80 और  वोकेशनल हायर सेकेंडरी में 75 फीसद अंक लाने वाले छात्रों को 15,000 रुपए दिये जाते थे. अब इस छात्रवृत्ति की रकम आधी हो गई है. 

अधर में लटकी पढ़ाई-लिखाई 
केरल में अल्पसंख्यक समुदाय के लिए चालू एपीजे अब्दुल कलाम स्कॉलरशिप में भी कटौती की गई है. इसके तहत मान्यता प्राप्त सरकारी संस्थानों में एडमिशन लेने वाले छात्रों को 6,000 रुपए दिए जाते थे. वहीं इस स्कॉलरशिप का 30 प्रतिशत छात्राओं के लिए रिजर्व था. माना जा रहा है कि छात्रवृत्ति में कटौती करने से गरीब परिवारों की उन लड़कियों की शिक्षा प्रभावित होगी जो पहले से ही इसके लिए संघर्ष कर रही हैं. इसके अलावा सरकारी नर्सिंग और पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट में डिप्लोमा कर रहे छात्रों को दी जाने वाली मदर टेरेसा स्कॉलरशिप में भी कटौती की गई है. 

सरकार की हुई आलोचना 
केरल सरकार के स्कॉलरशिप में कटौती को लेकर इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के नेता एम के मुनीर ने नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि छात्रों की आर्थिक सहायता देने पर कटौती करने से सुविधा संपन्न और वंचित लोगों के बीच खाई और बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि स्कॉलरशिप में कटौती से साफ पता चलता है कि केरल सरकार की प्राथमिकताएं क्या है. कई छात्र इस स्कॉलरशिप पर निर्भर हैं. सवाल ये है कि आर्थिक संकट की कीमत कौन चुका रहा है?

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