Madhya Pradesh News: नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार के सामने एक पूर्व विधायक और विधानसभा और लोकसभा चुनाव के पराजित कांग्रेस उम्मीदवार फूट फूट कर रोये और उनके इस रोने का वीडियो सामने आया है. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार आज सागर जिले के बण्डा के दौरे पर थे.
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MP News: पहले विधानभा और फिर लोकसभा में करारी हार के बाद कांग्रेस फिर सूबे में अपना दमखम दिखाने दिन रात मशक्कत कर रही है तो कांग्रेसियों के बीच जाकर नेता उनमे जान डालने की कोशिश में है. दशकों से सत्ता से बाहर रहने के बाद भी कांग्रेसियों को नए सवेरे की आशा है लिहाजा पीसीसी चीफ और नेता प्रतिपक्ष लगातार दौरे कर रहे हैं. इस बीच आज नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार के सामने एक पूर्व विधायक और विधानसभा और लोकसभा चुनाव के पराजित कांग्रेस उम्मीदवार फूट फूट कर रोये और उनके इस रोने का वीडियो सामने आया है.
दरअसल, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार आज सागर जिले के बण्डा के दौरे पर थे. सिंगार का कांग्रेसियों ने गर्मजोशी के साथ स्वागत किया और लोगो का उत्साह देखकर सिंगार बेहद खुश थे. इसी बीच बण्डा से कांग्रेस के विधायक रहे तरवर लोधी भी उनसे मिलने पहुंचे तो तरवर बेहद भावुक हो गए. तरवर 2023 के विधानसभा चुनाव में बण्डा से उम्मीदवार थे तो 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें दमोह लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया था. तरवर ये दोनों चुनाव हार गए. दो दो चुनाव हारने के मलाल उन्हें हैं और इसके लिये वो कांग्रेसियों को ही दोषी मानते हैं.
कांग्रेसी हर चुनाव में गद्दारी करते हैं
नेता प्रतिपक्ष से भेंट के दौरान उनका दर्द छलका और तरवर ने शिकायत करते हुए कहा कि यहां के कांग्रेसी हर चुनाव में गद्दारी करते हैं. उनकी वजह से ही कांग्रेस चुनाव हारती है. रुंधे गले से शिकायत दर्ज करा रहे तरवर खुद को रोक नहीं पाए और फिर फूट फूट कर रोने लगे. अचानक भावनात्मक बने माहोल के बीच नेता प्रतिपक्ष ने उन्हें समझाया और तब जाकर तरवर सामान्य हो पाए.
गुटबाजी और अंतर्कलह की कुछ तश्वीरें
इसके अलावा कांग्रेस की गुटबाजी और अंतर्कलह की कुछ तश्वीरें भी मैदान पर दिखाई दीं. जब कुछ कांग्रेसी पार्टी के गद्दारों की दुहाई देते नाराज दिखाई दिए. इस सब को देखने के बाद नेता प्रतिपक्ष सिंगार भी कुछ देर रुके और मीडिया से दूरी बनाकर बण्डा से वापस चले गए. बहरहाल पूर्व विधायक का दर्द कहीं न कहीं पार्टी को सोचने जरूर मजबूर कर गया और एक नया टास्क देकर भी गया है कि मिशन 2028 की तैयारियों में जुटी कांग्रेस को अपनो के खतरे से पहले लड़ना होगा शायद तभी सत्ताधारियों से लड़ने की ताकत मिल सकती है.