भानुप्रतापपुर में अकबर राम ने बिगाड़ा चुनावी गणित! जानिए सीएम बघेल ने कैसे किया खेल
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भानुप्रतापपुर में अकबर राम ने बिगाड़ा चुनावी गणित! जानिए सीएम बघेल ने कैसे किया खेल

Bhanupratappur by election result game changer: छत्तीसगढ़ की भानुप्रतापुर सीट की मतगणना खत्म हो गई है. कांग्रेस की सावित्री मंडावी ( Savitri Mandavi) ने भाजपा के ब्रम्हानंद नेताम (Bramhanand Netam) को हराकर जीत हासिल की है. इस बीच चुनाव परिणामों से इतर तीसरे कंडीडेट अकबर राम कोर्राम (Akbar Ram Korram) की चर्चा हो रही है, जिन्होंने बीजेपी का गणित बिगाड़ दिया है. जानिये कौन है ये नया नवेला नेता और कैसे बिगाड़ दिया भानुप्रतापुर का खेला?

भानुप्रतापपुर में अकबर राम ने बिगाड़ा चुनावी गणित! जानिए सीएम बघेल ने कैसे किया खेल

Bhanupratappur by election result game changer: श्यामदत्त चतुर्वेदी। गुजरात, हिमाचल विधानसभा उपचुनावों के साथ ही कई राज्यों में विधानसभा और लोकसभा के उपचुनावों के लिए हुई वोटिंग की काउंटिंग आज पूरी हो गई. देशभर में गुजरात और हिमाचल की चर्चा हुई, लेकिन छत्तीसगढ़ में भानुप्रतापुर हॉट टॉपिक बना रहा. क्योंकि यहां बीजेपी कांग्रेस के अलावा एक निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अकबर राम कोर्राम (Akbar Ram Korram) सामने आए, जिन्होंने बड़ी संख्या में वोट हासिल कर बीजेपी का गणित बिगाड़ दिया.

पहले जान लें कैसा रहा परिणाम
भानुप्रतापुर में कांग्रेस की सावित्री मंडावी ( Savitri Mandavi) ने बड़ी जीत हासिल की. उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम (Bramhanand Netam) को 21,171 वोटों से हरा दिया. सावित्री मंडावी को कुल 65327 वोट मिले. इसके मुकाबले बीजेपी प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम ने 44229 वोट हासिल की. सबसे खास बात ये की इसमें पूर्व IPS और पहली बार चुनाव लड़ने वाले निर्दलीय प्रत्याशी अकबर राम कोर्राम ने 23371 वोट हासिल किए. जो दोनों मुख्य प्रत्याशियों के मुकाबले के अंतर से ज्यादा है.

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अचानक मौदान में आए अकबर राम कोर्राम
अचानक मैदान में पारंपरिक सियासी दलों से हटकर पूर्व IPS अकबर राम कोर्राम मैदान में आए. चुनाव प्रचार के दौरान भी उनकी काफी चर्चा रही. आदिवासी समाज में उन्हें काफी पसंद भी किया दया, जिसका असर आखिरकार चुनाव परिणामों में दिखा. वो लिस्ट में तीसरे नंबर के कंडीडेट रहे. माना जा रहा है कि उन्होंने उन वोटों में सेंध लगाई, जो कांग्रेस से कटकर बीजेपी को जाने वाली थी.

आदिवासी सियासत हो रही है तय
आदिवासी समाज के समर्थन में निर्दलीय ताल ठोकने वाले कोर्राम को 16.05% के साथ 23,417 वोट मिले हैं. शायद ये उनकी व्यक्तिगत छवि का परिणाम हो सकता है. लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया का सकता कि छत्तीसगढ़ में अब आदिवासी समाज सियासत तय कर रहे हैं.

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सीएम बघेल की थी रणनीति (CM Baghel Strategy)
माना जा रहा है भानुप्रतापुर में दिवंगत कांग्रेस नेता मनोज मंडावी की पत्नी को लड़ाने के पीछे सीएम भूपेश बघेल का दिमाग था. उन्होंने ही उन्हें VRS लेने के लिए अप्रोच किया था, जिसका कांग्रेस को फायदा भी मिला और बड़ी संख्या में सहानुभूति वोट मिले. इसके साथ ही सीएम बघेल की कोशिश थी कि आगामी विधानसभा चुनाव में जीत के साथ मैदान में इतरा जाए, जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल ऊंचा रहे. नतीजे देखकर साफ है कि सीएम बघेल की रणनीति सफल हुई.

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कैसा था कंडीडेटों का बैकग्राउंड
उपचुनाव के लिए सबसे पहले बीजेपी ने अपना पत्ता खोला था और पूर्व विधायक ब्रह्मानंद नेताम को अपना उम्मीदवार बनाया. इसके बाद कांग्रेस ने मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी के नाम का ऐलान किया. चूंकी ब्रह्मानंद पहले से क्षेत्र के विधायक रह चुके हैं, इलाके में उनकी लोकप्रियता ज्यादा थी. उनके मुकाबले सावित्री मंडावी के पास कोई निजी राजनीतिक अनुभव नहीं था. इस कारण उनके जीत को लेकर संदेह हो रहा था.

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आखिरी था भानुप्रतापुर का रण
भानुप्रतापुर का ये उप चुनाव आगामी विधानसभा चुनावों से पहले का आखिरी उप चुनाव था. इस कारण दोनों ही पार्टियों की कोशिश थी की वो इसे जीत कर आगे बढ़ें, जिससे कार्यक्रताओं का मोरल हाई हो. यहां कांग्रेस को गढ़ बचाने की चुनौती तो बीजेपी के पास जीत का आखिरी मौका था. इसीलिए दोनों ही पार्टियों ने अपना पूरा दम लगा दिया. राजनीतिक जानकारों की मानें को इसी रणनीति के तहर सीएम भूपेश बघेल ने अकबर राम कोर्राम को निर्दलीय मैदान में उतारा और उन्हें कामयाबी मिली.

कौन हैं अकबर राम कोर्राम
अकबर राम कोर्राम कांकेर के गांव उड़कुड़ा रहने वाले हैं. उन्होंने कांकेर और आस-पास के इलाके में ही स्कूल की पढ़ाई की है. उनका बचपन काफी कमियों में बीता है. कांकेर में कॉलेज के दौरान उन्होंने साल 1989 में PSC की परीक्षा दी और टॉप पोजिशन पर रहे. अविभाजित मध्य प्रदेश में कोर्राम शहडोल, बिलासपुर, रायपुर में एडिशनल एसपी फिर बाद में धमतरी, जशपुर में एसपी और बस्तर DIG रहे. उन्हें अपनी सर्विस के लिए स्टेट पुलिस अवॉर्ड, राष्ट्रपति पदक और IPS अवॉर्ड भी मिल चुका है.

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