CG Assembly Election 2023: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारियां शुरू हो गई हैं. बीजेपी और कांग्रेस ने अपने-अपने पत्ते फेंकने शुरू कर दिए हैं. इस बीच चर्चा इस बात की भी हो रही है कि धान और चावल के बीच घूमती राजनीति (Paddy In Political Center) का इन चुनावों में क्या असर होगा.
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CG Assembly Election 2023: रायपुर। छत्तीसगढ़ को देश में धान का कटोरा कहा जाता है. ये धान देश में राज्य को एक खास स्थान देने के साथ ही यहां के लोगों के आय का मुख्य साधन और राजनीति का केंद्र रही है. रमन सरकार में 15 साल पूरी पॉलिटिक्स धान के आसपास ही घूमती (Paddy In Political Center) रही. रमन सिंह (Raman Singh) 1 रुपये चावल देकर चाउर वाले बाबा बन गए थे. हालांकि, 2018 में सीएम भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने इस तस्वीर के पार जाकर कृषि आधारित इलाके जीते थे.
चुनाव से पहले गरमाई सियासत
नवंबर में विधानसभा चुनाव (Assembly Election) होने हैं. ऐसे में धान और चावल को लेकर फिर से सियासत गरम होने लगी है. अगर बात 2018 की करें तो राज्य की किसानों के प्रभाव वाले 21 सीटों पर कांग्रेस प्रत्यासी 30 हजार से ज्यादा वोटों से जीते थे. इसके बाद पिछले साल सीएम भूपेश बघेल ने 2500 रुपये प्रति क्विंटल खरीदने का वादा किया था. अब भाजपा की कोशिश है कि वो तमाम नए मुद्दों के साथ ही अपने पुराने विषय पर सीटों में इजाफा कर सके.
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सियासी केंद्र में लौटी धान
सालों से सियासी केंद्र पर बनी धान अब एक बार और राजनीति में दाखिल होती दिख रही. दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर तंज कस रही है. भाजपा धान खरीदी और किसानों को लेकर सरकार पर हमलावर है. वहीं कांग्रेस भाजपा की नियत पर लगातार सवाल खड़ी कर रही हैं.
कांग्रेस लगातार हुई है मजबूत
अभी राज्य की 90 सीटों में से कांग्रेस पास 71 सीटे हैं. वहीं मुख्य विपक्षी भाजपा के पास 14, जोगी कांग्रेस के पास 3 और बसपा के पास 2 विधायक हैं. हाल ही में हुए निकाय चुनावों के साथ ही 2018 के बाद हुए उपचुनावों में कांग्रेस ने बढ़त बनाई है. ऐसे में अब कांग्रेस को मात देना बीजेपी के लिए बड़ी अग्नी परीक्षा है.
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