Sandeshkhali case: बंगाल में संदेशखाली पर मचा बवाल, CM साय ने ममता बनर्जी को लिखा खत
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh2130853

Sandeshkhali case: बंगाल में संदेशखाली पर मचा बवाल, CM साय ने ममता बनर्जी को लिखा खत

Sandeshkhali case: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा है. सीएम साय ने कहा कि आशा है ममता जी इस पत्र पर संज्ञान लेकर पश्चिम बंगाल के पीड़ितों के प्रति न्याय करेंगी.

Sandeshkhali case: बंगाल में संदेशखाली पर मचा बवाल, CM साय ने ममता बनर्जी को लिखा खत

Sandeshkhali case: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा है. साय ने इस पत्र में पं.बंगाल के संदेशखाली में जनजाति समुदाय की 50 से अधिक महिलाओं नृशंशा दुष्कर्म, आदिवासियों की जमीन छीनने जैसी घटनाओं को शर्मनाक बताया है. 

बता दें कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने लिखा कि वारदात में लिप्त दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को पत्र भेज रहा हूं. आशा है कि ममता जी इस पत्र पर संज्ञान लेकर पश्चिम बंगाल के पीड़ितों के प्रति न्याय करेंगी.

पत्र में क्या लिखा
वहीं अपने पत्र में विष्णुदेव साय ने लिखा कि पश्चिम बंगाल में पिछले कई दिनों से माताओं-बहनों के साथ अन्याय की घटनाएं हो है. इस तरह की घटना मन को पीड़ा पहुंचती है.  पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में 50 से अधिक जनजाति समुदाय की महिलाओं से नृशंस दुष्कर्म, आदिवासियों की जमीन छीनने जैसी घटनाए शर्मनाक है. आशा है ममता जी इस पत्र पर संज्ञान लेकर पश्चिम बंगाल के पीड़ितों के प्रति न्याय करेंगी.

क्या है संदेशखाली का पूरा मामला?
दरअसल संदेशखाली में बीते कुछ दिनों से तनाव का माहौल है. यहां महिलाओं ने टीएमसी के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए थे. जब उनपर कार्रवाई नहीं हुई तो उनके खिलाफ महिलाओं ने प्रदर्शन कर दिया. उसके बाद ये पूरा सड़क से विधानसभा तक गूंज गया. इसके बाद 3 टीएमसी नेताओं की गिरफ्तारी हुई. लेकिन मुख्य आरोपी शाहजहां शेख फरार है. बीजेपी ने ये भी आरोप लगाया कि ममता बनर्जी शाहजहां शेख को बचा रही है.

मानवाधिकार ने भी लिया संज्ञान
वहीं संदेशखाली मामले में मीडिया रिपोर्ट्स को देखते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी स्वत: संज्ञान लिया है. आयोग ने इस मामले में गंभीर चिंता जताते हुए राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है.

Trending news