Marriage Rituals: भारत में शादी से पहले मेंहदी की रस्म मनाई जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर क्यों शादी से पहले दूल्हा और दुल्हन को मेंहदी लगाई जाती है. जानिए इसके पीछे क्या धार्मिक मान्यता है और ये क्यों जरूरी है-
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Importance of Mehandi Before Marriage: देवउठनी एकदाशी से शादी के लिए शुभ मुहूर्त की शुरुआत हो गया है. यानी अब शादियों का सीजन शुरू होने वाला है. भारतीय संस्कृति में शादी के समय अलग-अलग तरह की रस्में निभाई जाती हैं. इसमें मेंहदी की रस्म काफी अहम होती है. भारत के लगभग सभी राज्यों में शादी की अलग-अलग रस्में और परंपराएं होती हैं, लेकिन मेंहदी की रस्म हर कल्चर में होती है. दूल्हा और दुल्हन दोनों को मेंहदी लगाने का रिवाज है, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि मेंहदी क्यों लगाई जाती है.
16 श्रृंगार में है शामिल
बहुत कम लोग जानते हैं कि मेंहदी 16 श्रृंगार में शामिल है. साथ ही इसे प्यार की निशानी भी माना जाता है. मान्यता है कि जो वर-वधू की मेंहदी जितनी गाढ़ी होती है उसका पार्टनर उससे उतना ही ज्यादा प्यार करता है. इसके अलावा ये भी माना जाता है कि जिसके हाथ में जितने लंबे समय तक मेंहदी का रंग होता है, उसके लिए उसका पार्टनर उतना ही भाग्यशाली माना जाता है.
क्यों लगाई जाती है मेहंदी
दरअसल, मेंहदी की तासीर ठंडी होती है. साथ ही माना जाता है कि शादी के समय दूल्हा और दुल्हन दोनों को काफी घबराहट होती है. ऐसे में ठंडी तासीर होने वाली मेंहदी बॉडी टेंपरेचर को मेंटेन रखती है. साथ ही शरीर को ठंडक पहुंचाती है. दूल्हे-दुल्हन को शादी के दौरान घबराहट न हो इसलिए मेंहदी लगाई जाती है.
मेंहदी लगाने के फायदे
जानिए मेंहदी लगाने से क्या फायदे मिलते हैं-
- शादी के समय दूल्हा-दुल्हन दोनों को शारीरिक थकान के साथ-साथ मानसिक तनाव भी होता है. ऐसे में मेंहदी की खुशबू मस्तिष्क को ठंडा और शांत रखती है.
- मेंहदीकी पत्तियों में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-सेप्टिक गुण होते हैं. इसे पीसकर ही मेंहदी बनाई जाती है.ऐसे में जब आप मेंहदी की पत्तियों को पीसकर अपने हाथों में लगाती हैं,तो ये हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस को खत्म कर देता है. इससे वायरल बीमारियों का खतरा भी दूर होता है.
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