प्रख्यात संत प्रेमानंद महाराज की रात्रि दर्शन पदयात्रा फिर से शुरू हो गई हैस लेकिन यात्रा रोके जाने पर कई तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. महाराज जी की यात्रा का समय और रूट बदल गया है.
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Dhirendra Shastri Angry On Premanand Yatra being stopped: प्रख्यात संत प्रेमानंद महाराज की रात्रि दर्शन पदयात्रा फिर से शुरू हो गई हैस लेकिन यात्रा रोके जाने पर कई तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. महाराज जी की यात्रा का समय और रूट बदल गया है. हाल ही में कुछ स्थानीय निवासियों के विरोध के बाद उनकी पदयात्रा स्थगित करनी पड़ी थी. मामले पर अब बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री की तीखी प्रतिक्रिया आई है.
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने मामले पर मीडिया से चर्चा में कहा 'भारत, राम, कृष्ण और राधारानी का राष्ट्र है. प्रेमानंद बाबा की यात्रा का कोई भी विरोध कर रहा है, तो हमें निश्चित ही लगता है कि वह धूर्त है. किसी महापुरुष की यात्रा से किसी की नींद उड़ रही है तो विरोध तो आदिकाल से होता रहा है. संतों का विरोध करने वाले मानव नहीं, दानव कहलाते हैं. हवन, पूजन, यज्ञ से किसे दिक्कत होती है, दानवों को. जो लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे थे या यात्रा रोकने की मांग कर रहे थे, वो गलत है. धीरेंद्र शास्त्री ने प्रशासन और उत्तर प्रदेश सरकार से ऐसे लोगों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग भी की.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, हर रोज रात करीब 2 बजे प्रेमानंद महाराज की श्रीराधाकेलि कुंज के लिए पदयात्रा निकाली जाती है . इस पदयात्रा में लोगों की भी काफी भीड़ इक्टठा होती है हजारों श्रद्धालु सड़क किनारे खड़े होकर उनके दर्शन करते हैं. लेकिन निकली पदयात्रा में बज रही भजनों की धुन और भक्तों द्वारा जलाए जाने वाले पटाखों की आवाज से एनआरआई ग्रीन कॉलोनी के लोगों को परेशानी होने लगी, जिसका कॉलोनी के लोगों ने विरोध शुरू कर दिया. विरोध इतना ज्यादा हो गया कि ये मामला सोशल मीडिया पर भी वायरल होने लगा. विरोध प्रदर्शन में महिलाएं हाथों में तख्तियां लिए प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा का जमकर विरोध करने लगी थी.
कॉलोनी की महीलाएं, "कौन सी भक्ति कौन सा दर्शन, ये तो है केवल शक्ति प्रदर्शन" के नारे भी लगाने लगी थी. महिलाओं की शिकायत थी कि महाराज जी के पदयात्रा के दौरान भजन की जोर-जोर की आवाज गूंजती है, पटाखे फोड़े जाते है. इन आवाजों से बीमार बुजुर्गों को दिक्कत होती है. कई महिलाएं स्कूल में पढ़ाती हैं, रात में शोर होने से उनकी नींद खराब होती है और वे सुबह स्कूल नहीं जा पाती हैं. रात की नींद खराब हो जाती है.
कॉलोनी की महिलाओं की इन शिकायतों की वजह से अब संत प्रेमानंद की पदयात्रा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है. पदयात्रा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने के फैसले को सोशल मीडिया पर पोस्ट करते ही लोगों के कॉमेंट का भूचाल आ गया था. कॉमेंट सेक्शन में इस फैसले पर तरह- तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही थी जिसपर से यह मामला काफी तेजी से वायरल होने लगा.