ग्वालियर नगर निगम में सभापति चुनाव हुआ दिलचस्प, क्या कांग्रेस बना लेगी अपना सभापति?
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ग्वालियर नगर निगम में सभापति चुनाव हुआ दिलचस्प, क्या कांग्रेस बना लेगी अपना सभापति?

ग्वालियर नगर निगम में आज सभापति का निर्वाचन होना है. पार्षदों की संख्या को देखते हुए यहां मुकाबला बेहद दिलचस्प दिखाई दे रहा है. यही वजह रही कि दोनों पार्टियों ने अपने-अपने पार्षदों की बाड़ेबंदी करके रखी हुई थी. अब सभी की निगाहें चुनाव नतीजों पर टिकी हैं. 

ग्वालियर की नवनिर्वाचित मेयर शोभा सिकरवार.

प्रदीप शर्मा/भिंडः ग्वालियर नगर निगम के सभापति का चुनाव आज होना है. यहां बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर है और दोनों ही पार्टियां अपना-अपना सभापति बनाने का दावा कर रही है. कांग्रेस का दावा है कि 40 पार्षद उन्हें समर्थन दे रहे है जबकि बीजेपी का दावा है कि उनके पास पूरे नंबर हैं और सभापति बीजेपी का बनेगा. वहीं चुनाव को देखते हुए कलेक्ट्रेट में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. 

कांग्रेस का 40 पार्षदों के समर्थन का दावा
ग्वालियर में सभापति पद के लिए कांटे की टक्कर को देखते हुए बीजेपी ने अपने पार्षदों को जहां हरियाणा के रेवाड़ी में एक रिसॉर्ट में ठहराया हुआ था. वहीं कांग्रेस ने भी अपने पार्षदों को ओरछा भेज दिया था. आज सुबह 10 बजे के करीब ही कांग्रेस पार्षद तीर्थ दर्शन के बाद ग्वालियर पहुंचे. बीजेपी पार्षद भी वापस आ गए हैं. ग्वालियर की नवनिर्वाचित मेयर शोभा सिकरवार के पति और कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार ने दावा किया कि उनके पास निर्दलीय पार्षदों को मिलाकर कुल 40 पार्षदों का समर्थन है और वह अपनी पार्टी का सभापति बनाने के प्रति आश्वस्त हैं. कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक का भी कहना है कि नंबर उनके पास ज्यादा है और सभापति की कुर्सी पर कांग्रेस पार्टी का ही कब्जा होगा. 

बीजेपी भी कर रही जीत का दावा
ग्वालियर में भाजपा के मंत्री दावा कर रहे हैं कि सभापति चुनाव में उनकी पार्टी की जीत होगी. भाजपा नेता और शिवराज सरकार में मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि मेयर की कुर्सी से तो हम चूक गए हैं लेकिन सभापति की कुर्सी जरूर भाजपा के खाते में आएगी. ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने भी दावा किया कि वह अपनी पार्टी का सभापति जरूर बनाएंगे. चुनाव को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. पार्षदों के अलावा किसी को भी कलेक्ट्रेट परिसर में जाने नहीं दिया जा रहा है. 

कांटे की है टक्कर
ग्वालियर नगर निगम के 66 वार्डों में से अपना सभापति बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 34 पार्षदों की जरूरत है. बीजेपी को 34 वार्ड में जीत मिली है. ऐसे में बीजेपी का दावा मजबूत है लेकिन कांग्रेस अपने 25 पार्षदों और निर्दलियों के दम पर 32 पार्षदों का समर्थन जुटा चुकी है. 7 निर्दलीय पार्षद भी कांग्रेस  के खेमें में पहुंच गए हैं. ऐसे में अब अगर क्रॉस वोटिंग होती है तो कांग्रेस भी अपना सभापति बना सकती है. 

बता दें कि अगर बीजेपी के एक पार्षद ने भी क्रॉस वोटिंग कर कांग्रेस को समर्थन दे दिया तो दोनों पार्टियों के 33-33 पार्षद हो जाएंगे और बराबरी की स्थिति में मेयर को वोट देने का अधिकार मिल जाएगा. यदि ऐसा होता है तो कांग्रेस अपनी मेयर शोभा सिकरवार के वोट के दम पर अपना सभापति बनाने में कामयाब हो जाएगी. यही वजह है कि बीजेपी और कांग्रेस ने अपने पार्षदों की बाड़ेबंदी की थी ताकि पार्षदों को टूटने से बचाया जाए. 

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