ग्वालियर में बीजेपी को क्रॉस वोटिंग का डर! पार्षद दिल्ली रवाना, समझिए पूरा गणित
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ग्वालियर में बीजेपी को क्रॉस वोटिंग का डर! पार्षद दिल्ली रवाना, समझिए पूरा गणित

Gwalior News: ग्वालियर नगर निगम में 5 अगस्त को सभापति का चुनाव होना है. बीजेपी को चुनाव में क्रॉस वोटिंग का डर है. यही वजह है कि बीजेपी ने अपने सभी पार्षदों को दिल्ली भेज दिया है. बीजेपी के 34 पार्षद हैं. वहीं कांग्रेस को जीत के लिए महज एक और वोट की जरूरत है. ऐसे में यहां मुकाबला रोमांचक हो गया है. 

ग्वालियर में बीजेपी को क्रॉस वोटिंग का डर! पार्षद दिल्ली रवाना, समझिए पूरा गणित

शैलेंद्र सिंह भदौरिया/ग्वालियरः ग्वालियर में 5 अगस्त को परिषद की पहली बैठक बुलाई गई है. इसी दिन नगर निगम ग्वालियर के सभापति का चुनाव होगा. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही अपना-अपना सभापति बनाना चाहती हैं लेकिन संख्याबल बीजेपी के पक्ष में दिखाई दे रहा है. वहीं कांग्रेस का दावा है कि उनका सभापति बनेगा. ऐसे में बीजेपी को चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग का डर सता रहा है. यही वजह है कि पार्टी ने अपने सभी पार्षदों को दिल्ली भेजने का फैसला किया है. 

दरअसल कांग्रेस के दावे से घबराई बीजेपी ने अपने पार्षदों की बाड़ेबंदी शुरू कर दी है. बीजेपी जिला अध्यक्ष कमल मखीजानी के नेतृत्व में भाजपा के सभी 34 पार्षद दिल्ली रवाना हो गए हैं. दिल्ली में पार्षद पार्टी के बड़े नेताओं ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर, वीडी शर्मा से मुलाकात करेंगे. इस दौरान सभापति चुनाव को लेकर रणनीति बन सकती है. 4 अगस्त की रात में ये पार्षद दिल्ली से वापस ग्वालियर लौटेंगे. इसके बाद 5 अगस्त को सभापति पद का चुनाव होना है. सभी पार्षद बस के जरिए दिल्ली रवाना हुए हैं. 

जानिए ग्वालियर नगर निगम परिषद का गणित 
ग्वालियर नगर निगम में 66 वार्ड हैं और यहां सभापति बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 34 पार्षदों का समर्थन चाहिए. नगर निगम चुनाव में बीजेपी के पूरे 34 पार्षद जीते हैं. वहीं कांग्रेस के 25 पार्षदों को जीत मिली. 3 निर्दलीय पार्षद कांग्रेस की सदस्यता ले चुके हैं और 4 और निर्दलीय पार्षद कांग्रेस के संपर्क में बताए जा रहे हैं. इस तरह कांग्रेस के कुल पार्षदों की संख्या 32 हो गई. 

कांग्रेस की कोशिश है कि अब बीजेपी के किसी एक पार्षद को क्रॉस वोटिंग के लिए तैयार किया जाए. यदि ऐसा होता है तो दोनों दलों के पास 33-33 पार्षद हो जाएंगे और बराबर होने की स्थिति में मेयर को वोट डालने का अधिकार मिल जाएगा. इसका मतलब है कि सभापति पद पर भी कांग्रेस का कब्जा हो जाएगा. यही वजह है कि बीजेपी ने अब अपने पार्षदों की बाड़ेबंदी शुरू कर दी है. 

गौरतलब है कि ग्वालियर नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस की शोभा सिकरवार ने मेयर चुनाव में जीत हासिल की थी. खास बात ये है कि ग्वालियर नगर निगम में 57 साल से बीजेपी का मेयर बनता आ रहा था लेकिन इस बार इतिहास बदलते हुए कांग्रेस अपना मेयर बनाने में सफल रही.  

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