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आकाश द्विवेदी/भोपाल: मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार ने नई शराब नीति के मुताबिक हेरिटेज मदिरा नियम 2022 (Heritage Liquor Policy in MP) का प्रारुप तैयार कर लिया है. हेरिटेज मदिरा के लाइसेंस (liquor license) के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. अब आदिवासी इलाके में गठित स्वयं-सहायता समूह को हेरिटेज मदिरा बनाने का लाइसेंस सरकार देगी. इसमें एक शर्त ये है कि मदिरा का लाइसेंस तभी मिलेगा जब, समूह में 50 फ़ीसदी महिला सदस्य होंगी.
लाइसेंस के लिए 10वीं पास होना
लाइसेंस को हासिल करने के लिए समूह में 25 % सदस्यों को 10वीं पास की योग्यता रखना होगा ज़रूरी. कैबिनेट में आदिवासी बाहुल्य इलाकों में मदिरा बनाने और बेचने के लिए शर्तों के साथ कैबिनेट में सहमति बनी है. हर समूह को अलग से लाइसेंस दिया जाएगा. साथ ही FSSAI का प्रमाण पत्र लेना भी जरूरी होगा.
महुआ के फूलों से बनाया जाएगा हेरिटेज मदिरा
गौरतलब है कि महुआ के फूलों से शराब बनाई जाती है. महुआ की शराब आदिवासी संस्कृति का पारंपरिक रूप से हिस्सा रही है. आदिवासी समाज के विभिन्न कर्मकांडों में, जन्म, मृत्यु, शादी आदि विभिन्न अवसरों पर महुआ की शराब पीने-पिलाने का रिवाज रहा है. यही वजह है कि आदिवासी खुद को महुआ का संरक्षक मानते हैं. यही वजह है कि सरकार की नई शराब नीति में हेरिटेज शराब के तहत महुआ की शराब को पेटेंट करने से प्रदेश के आदिवासी समाज को बड़ा फायदा होगा.
#WATCH | A new excise policy is in making that will legalize liquor made of mahua. This liquor will be sold as 'heritage liquor' in shops: Madhya Pradesh CM Shivraj Singh Chouhan in Mandla pic.twitter.com/VEu78TJJs4
— ANI (@ANI) November 22, 2021
छोटी बॉटल में भी मिलेगी
बाजार में 750ML ,375 ML ,180ML और 90ML की छोटी बोतल में भी महुआ से बनी हेरिटेज शराब उपलब्ध रहेगी. हेरीटेज मदिरा निर्माण का अधिकार राज्य के अनुसूचित जनजाति क्षेत्र में गठित जनजाति स्व सहायता समूह को ही होगा. इसके लिए हर समूह को अलग अलग लाइसेंस दिया जाएगा. लाइसेंस के साथ प्रदूषण नियंत्रण मण्डल की NOC ज़रूरी, विद्युत अग्नि सुरक्षा और बॉयलर प्रमाण पत्र भी लेना होगा.. हेरीटेज मदिरा नियम 2022 का प्रारूप राजपत्र में प्रकाशित कर दिया है. प्रारूप के संबंध में 30 दिन के भीतर आबकारी आयुक्त को सुझाव और आपत्ति आम लोग दे सकेंगे...