पते की खबर: मध्य प्रदेश में होगी इस खास चीज की खरीदी, मिलेगा बड़ा मुनाफा
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पते की खबर: मध्य प्रदेश में होगी इस खास चीज की खरीदी, मिलेगा बड़ा मुनाफा

मध्य प्रदेश में अब तेंदूपत्ता की तर्ज पर शहद की खरीदी होगी. शहद की खरीदी पर बोनस दिया जाएगा. जिससे प्रदेश के लोगों को बड़ा फायदा होगा. आदिवासी समाज के लोग सबसे ज्यादा शहद निकालते हैं. ऐेसे में प्रदेश में इस वर्ग को बड़ा फायदा मिलेगा. 

पते की खबर: मध्य प्रदेश में होगी इस खास चीज की खरीदी, मिलेगा बड़ा मुनाफा

भोपाल। मध्य प्रदेश में स्थानीय चीजों को बढ़ाने के लिए सरकार लगातार की योजनाएं चलाती रहती है. इसी तरह प्रदेश में अब एक और खास चीज की खरीदी होगी. प्रदेश में तेंदूपत्ता की तरह वनवासियों को अब शहद की खरीदी पर भी बोनस दिया जाएगा. इसके लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है. जिसके बाद शहद की खरीदी पर बोनस दिया जाएगा. इसका सबसे ज्यादा फायदा राज्य के आदिवासियों को मिलेगा. क्योंकि शहद निकालने का काम वह ज्यादा करते हैं. 

शहद की खरीदी पर मिलेगा बोनस
हालांकि शहद की खरीदी परबोनस उन लोगों को मिलेगा, जो शहद निकालकर राज्य लघु वनोपज संघ को बेचेंगे, वनोपज संघ सालभर में मुनाफा देखेगा और तय किया जाएगा कि कितनी राशि बोनस के रूप में वनवासियों को देनी है. इस कोशिश का असर अभी से दिखाई देने लगा है. संघ ने पहली बार 24 क्विंटल से अधिक शहद इकठ्ठा किया है, जो पिछले साल तक पांच से छह क्विंटल रहता था. 

मिलेगा बड़ा मुनाफा 
बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश सरकार तेंदूपत्ता की तर्ज पर आदिवासियों से शहद की खरीदी करेगी. जिससे वनवासी समाज के लोगों को बड़ा मुनाफा होगा. सरकार द्वारा खरीदी गई शहद को प्रोसेसिंग कर बाजार में बेचा जाएगा, इससे जो फायदा होगा उसका आदिवासी वर्ग को दिया जाएगा. जबकि उनकी शहद की कीमत भी बढ़ेगी. 

600 रुपए किलो तक बिकेगा शहद 
वनोपज संघ ने बताया कि इस बार 24 क्विंटल शहद 270 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से खरीदा है. जबकि इस शहद को कांच के जार में पैक कर 600 प्रति किलो की दर से बेचा जा रहा है. अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि शहद को साफ कर अन्य प्रक्रिया और जार की कीमत मिलाकर विक्रय मूल तैयार किया जाता है. इस बिक्री से जो मुनाफा होगा. उसका कुछ प्रतिशत विक्रय करने वाले वनवासियों के बीच बोनस के रूप में बांटा जाएगा. यानि उन्हें 270 रुपए के अलावा शहद की खरीदी पर बोनस भी मिलेगा. 

अधिकारियों का कहना है कि शहद को साफ करने सहित अन्य प्रक्रिया और जार की कीमत मिलाकर विक्रय मूल्य तय किया जाता है. इसके बाद पूरा काटकर जो हिस्सा बचेगा उसे बोनस के रूप में दिया जाएगा. इसलिए बोनस कितना मिलेगा यह अभी तय नहीं किया गया है. लेकिन राज्य सरकार ने शहद की बिक्री बढ़ाने और आदिवासी वर्ग को फायदा उपलब्ध कराने के लिए शहद को लेकर यह बड़ा फैसला लिया है.

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